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पत्रकार को नंगा कर पीटा, अमानवीय व्यवहार के बाद किया जिन्दा दफनाने का प्रयास, मामला दर्ज।
हमीपुर। पत्रकार को नंगा कर पीटा गया। उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और इतने से दिल नहीं भरा तो उसे जिन्दा दफनाने का भी प्रयास किया गया। उक्त आरोप ग्राम प्रधान व उसके सहयोगियो पर लगाकर पत्रकार ने थाना प्रभारी से आरोपियों के विरूद्व कार्यवाही की मांग की है। मामला बिंवार थाना क्षेत्र के ग्राम उमरी का है।
पत्रकार रवीन्द्र कुमार द्वारा बताया गया कि जनपद के दर्जनो गांव मे मनरेगा योजना को पलीता लगाकर सम्बन्धित अधिकारी व जनप्रतिनिधि जमकर घोटाले कर रहे है। भ्रष्टाचार को उजागर करते हुये उनके द्वारा जिलाधिकारी से जांच उपरान्त सम्बन्धित दोषियों पर विधिक कार्यवाही की मांग की गयी थी और जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम के बुलावे पर वो बीती शाम विकासखण्ड मुस्करा अन्तर्गत ग्राम उमरी गये थे, जहां अधिकारी तो नहीं मिले किन्तु मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों ने उसे नंगाकर मारा पीटा व अमानवीय व्यवहार करने के बाद उसे गौशाला ले जाकर जिन्दा दफनाने का प्रयास भी किया। बीती शाम उक्त घटना के बाद गंभीर रूप से घायल पत्रकार की तहरीर लेते हुये बिंवार पुलिस ने आरोपियों से भी मनगढन्त आरोपो पर तहरीर लेकर उसे मानसिक रूप से प्रताडित किया है।
वहीं उक्त मामले मे जांच अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जब वो जांच को गांव पहुचे तो शिकायतकर्ता का मोबाईल स्वीच आफ था जिसके चलते गांव पहुंचने के बाद उससे सम्पर्क नहीं हो पाया और न ही शिकायतकर्ता संग मारपीट की घटना से सम्बन्धित उन्हे कोई जानकारी हो सकी । शिकायत के आधार पर तमाम ग्रामीणों की मौजूदगी मे बिन्दुवार जांच की गयी है। जल्द ही वो जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप देंगे। हालाकि उक्त प्रकरण मे बिंवार थाना प्रभारी द्वारा बताया गया कि रवीन्द्र कुमार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर अन्य विधिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
गौरतलब है कि पत्रकार को नंगाकर मारना पीटना व अमानवीय व्यवहार करना जनपद के लिये अब कोई
नई बात नहीं है। सरीला के दो पत्रकारों संग भी कुछ इसी तरह का अमानवीय व्यवहार करने वाले आरोपियों पर सत्ता पक्ष व पुलिस प्रशासन से मिला सरंक्षण प्रदेश मे चर्चा का विषय रह चुका है, जो अभी पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ कि अब जनपद मे ये दूसरी घटना के बाद प्रशासनिक हीला हवाली चीख चीख कर बयां कर रही है कि भ्रष्टाचार के विरूद्व शिकायत करने वाले शिकायत कर्ता हो अथवा प्रकाशन करवाने वाले पत्रकार , र्निभय भ्रष्टाचारियों के निशाने पर है । जिन्हे सत्ता पक्ष सहित प्रशासनिक अधिकारियों का भी सरक्षण प्राप्त रहता है , जो जांच का विषय है।