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उज्जैन जिले में डीजे,बैंड और लाउडस्पीकर पर बैन,,,,*

कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए*

 

 

*बिना अनुमति नहीं बजा सकेंगे, रात 10 बजे बाद पूर्ण प्रतिबंध,,,,*

 

🎯 त्रिलोक न्यूज चैनल,,,,*

🎯 *उज्जैन,,,,*

 

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने उज्जैन जिले की राजस्व सीमा अन्तर्गत आयोजित होने वाली परीक्षाओं एवं विद्या अध्ययन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए आगामी दिवसों में जिले की कानून एवं शांति व्यवस्था, आमजन की सुरक्षा, विद्यार्थियों की सुविधा व अन्य आवश्यक सुव्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की दृष्टि से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) अतंर्गत निषेधाज्ञा के जिले में लागू किए जाने के आदेश जारी किए है।

 

इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष डी.जे. अथवा बैण्ड का संचालक, बैंड, डी.जे. / ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग बिना अनुमति के नहीं करेगा। प्रत्येक को मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा The Noise Pollution (Regulation and Control) Rule, 2000 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2010 के प्रावधानों का पूर्णत: पालन करना आवश्यक होगा।

किसी भी अनुमत्य कार्यक्रम में यदि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाता है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के रिट पिटीशन क्रमांक 72/98 व सिविल अपील क्रमांक 3737/2005 आदेश दिनांक 18/07/2005 एवं म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 10 (2) को दृष्टिगत रखते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग सुबह 06:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक किया जावेगा।

 

निर्धारित परिवेशीय ध्वनि मानक से 10 डेसिबल से अधिक या ध्वनि करने वाले लाउड स्पीकर पूर्णतः प्रतिबंधत रहेंगे तथा साउण्ड सिस्टम निर्धारित ध्वनि मानक से 05 डेसिबल से अधिक उत्पन्न करने वाले साउण्ड सिस्टम प्रतिबंधित रहेंगे।

 

किसी भी चिकित्सालय, नर्सिंग होम दूरभाष केन्द्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, शासकीय कार्यालय, बैंक आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा ।

 

शांति-कानून व्यवस्था तथा आमजन की सुरक्षा व सुविधा में संलग्न शासकीय कर्तव्य पर उपस्थित एवं डयूटीरत् पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों एवं उनके वाहनों के लिए यह निर्देश लागू नहीं होंगे। कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु इन्हें आवश्यक वैधानिक छूट प्राप्त होगी।

 

जिले में पदस्थ अनुविभागीय दण्डाधिकारी आवश्यक होने पर किसी पक्ष के आवेदन पर अपने-अपने क्षेत्र में संबंधित नगर पुलिस अधीक्षक / अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) से परामर्श कर आवश्यक प्रतिबंध / शर्तों सहित किसी कार्यक्रम एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति प्रदान करने हेतु अधिकृत होंगे।

 

कोई भी व्यक्त्ति जो म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 मे दिये गये प्रावधान तथा इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसका कृत्य म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा 15 (1) के अंतर्गत दंण्डनीय अपराध माना जायेगा जिसके अतर्गत छः माह का कारावास अथवा जुर्माना जोकि 1000/- रूपये तक हो सकेगा या दोनो से दण्डित किया जावेगा। अतिरिक्त ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम 2000 के अंतर्गत अपराध पाया जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत 5 वर्ष की सजा या एक लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत भी दण्डनीय अपराध होगा।

 

यह आदेश जारी होंने के दिनांक 11/02/2025 से आगामी 2 माह तक की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा।

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