क्राइमभोपाल

बंद फ्लैट से पकड़ाए पाँच शातिर सायबर ठग पुलिस की बड़ी कार्रवाई में लगभग ढाई करोड़ रुपये का सामान जब्त

ज़ूम एप के द्वारा करते थे साइबर ठगी

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
पुलिस टीम ने 5 सायबर ठगो को गिरफ्तार कर उससे कई घटनाओं का खुलासा करते हुये लगभग 2.50 करोड़ कीमत का सामान बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। सूचना मिली कि रीगल टाउन ब्लाक नम्बर 1 ए फ्लैट नम्बर 301 में चार पांच लडके रहते है जिनकी गतिविधिया संदिग्ध है जो महँगी महँगी गाड़ियों में घूमते है प्राप्त सूचना पर संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी के निर्देशन में तत्काल एक टीम गठित कर बताये गए पते पर फ्लैट नम्बर 301 रीगल टाउन अवधपुरी भोपाल पर पहुंचकर फलैट का बन्द दरवाज़ा खुलवाकर फ्लैट की वीडियोग्राफी करवाते हुए फलैट के अंदर दाखिल हुए वहां पाँच व्यक्ति फलैट के अन्दर मिले जिनका नाम पता तथा फलैट में रहने व काम करने के संबंध में पूछताछ करने पर पता चला कि वे लोग इस फलैट में जुलाई माह 2024 से किराये से रह रहे है वे लोग जूम कार कंपनी जिसका हेड ऑफिस बैंगलोर में है उस कंपनी में ऑनलाईन कार किराये पर देने की एप्लीकेशन व दूसरे कार की छ: अलग अलग ऐंगल से छ: फोटो जिसे गुगल वेवसाईड से फोटो निकालकर डाल देते थे तथा एक मोबाइल नम्बर व बैंक अकाउण्ट और एक फर्जी नाम भरकर उसको जूम कार पर अपलोड कर देते है एप्लीकेशन अपलोड होते ही उसमें कार की बुकिंग 3 दिन बाद शुरु हो जाती थी इसमें कार नान कामर्शियल वाहन लगती है इसमें कार को बिना ड्रायवर के ग्राहक को देनी होती है जिसमें आरोपी कार की बुकिंग का स्थान मुंबई तथा दिल्ली बताते है जहां से ग्राहक को कार मिलनी होती थी । ग्राहक के द्वारा बुकिंग के बाद पैसा एडवांस में जूम कंपनी के अकाउण्ट मे ट्रान्सफर करना होता है ट्रान्सफर किये गये पैसे का 40 प्रतिशत रुपया जूम कंपनी स्वंय रख लेती है तथा 60 प्रतिशत रुपया कंपनी आरोपीयों के लिखे गये बैंक अकाउण्ट मे भेज देती थी। जिसे आरोपी उस पैसे को तुरंत ही निकाल लेते है जब ग्राहक वहाँ मुम्बई या दिल्ली आरोपीयों के बताये बुकिंग स्थान जहॉ से उसे कार प्राप्त होनी रहती थी वहॉं पहुचकर वह फोन आरोपीगणो के उस मोबाईल नम्बर पर लगाता था जिस नम्बर को आरोपीयों मे अपनी एप्लीकेशन पर डाउनलोड करके रखा है उसी नम्बर पर फोन आता था तो आरोपी पहले दो एक बार कहते थे कि आपके पास कार पहुच रही है इसके बाद जब ग्राहक का फोन तीसरी चौथी बार फोन आने पर आरोपीयों द्वारा मोबाईल फोन स्विच ऑफ कर लेते है इसके बाद ग्राहक जूम रिटेलिंग कंपनी को फोन लगाता था तो जूम कंपनी आरोपीयों का सम्पर्क नम्बर बंद पाने पर आरोपीयों के बैक एकाउण्ट , सिम और आई डी और मोबाईल फोन सब को ब्लाक कर देती थी फिर आरोपी उस मोबाईल व उस सिम व उस अकाउण्ट को बन्द कर देते थे दूसरे सिम दूसरे मोबाईल में दूसरे बैंक एकाउण्ट नम्बर में जोडकर फिर एक नया एप्लीकेशन जूम कार में अपलोड करते थे इस प्रकार फिर से एक नये कार के छ: अलग से छ:फोटो व एक नया सिम नम्बर व एक नया बैंक अकाउण्ट नम्बर व एक फर्जी व्यक्ति का नाम अपलोड कर देते थे और कार की बुकिंग फिर से चालू हो जाती थी ग्राहक रुपया ट्रान्सफर कर देते है और यह कार्य आरोपियों का निरन्तर चल रहा है जिसके लिए वे लोग अपना अपना मोबाईल फोन व अपने अपने फर्जी सिम कार्ड व इलेक्ट्रोनिक सामान अपने अपने पास रखे है।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!