
रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने वाले आम नागरिकों को सम्मानित करने के लिए ‘राह-वीर योजना’ शुरू की है। इस योजना के अन्तर्गत गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद कर जान बचाने वाले को 25,000 का नकद पुरस्कार और प्रशंसा-पत्र दिया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार करें ताकि अधिक लोग आगे आएं और दुर्घटना में घायल लोगों का जीवन बचाने में महत्वरपूर्ण भूमिका निभाएं।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ‘राह-वीर योजना’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य आम नागरिकों को सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना विशेष रूप से उन नागरिकों को सम्मानित करती है जो दुर्घटना के गोल्डन ऑवर (पहले एक घंटे) के भीतर पीड़ित को चिकित्सा सुविधा तक पहुँचाकर उसकी जान बचाते हैं ‘गोल्डन ऑवर’ दुर्घटना के बाद का पहला एक घंटा होता है, जिसमें समय पर चिकित्सा सहायता मिलने पर घायल की जान बचाई जा सकती है। सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इस अवधि में मदद के लिए प्रेरित करना है। प्रत्येक राह-वीर को 25,000 नकद पुरस्कार और प्रशंसा-पत्र एक व्यक्ति अधिकतम 5 बार वार्षिक पुरस्कार के पात्र। यदि एक से अधिक राह-वीर किसी एक पीड़ित की जान बचाते हैं, तो राशि सभी में समान रूप से बाँटी जाएगी।यदि एक से अधिक राह-वीर ने एक से अधिक पीड़ितों को बचाया, तो प्रत्येक पीड़ित के लिए 25,000 दिया जाएगा, लेकिन अधिकतम 25,000 प्रति राह-वीर। 10 सर्वश्रेष्ठ राह-वीरों को हर साल राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपए, ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाएगा। गंभीर दुर्घटनाओं में ही योजना का लाभ मिलेगा — जैसे मस्तिष्क या रीढ़ की चोट, बड़ा ऑपरेशन, कम से कम 3 दिन अस्पताल में भर्ती या मृत्यु यदि कोई व्यक्ति घायल को सीधे अस्पताल या पुलिस के माध्यम से चिकित्सा सुविधा तक पहुँचाता है, तो पुलिस या अस्पताल द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद ज़िला स्तर पर एक समिति मामले की जांच कर नाम की अनुशंसा करेगी। राज्य परिवहन विभाग द्वारा राशि PFMS के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।कानूनी सुरक्षा और गोपनीयता का रखा जायेगा ध्यान मोटर वाहन अधिनियम 2019 के अनुसार, किसी भी राह-वीर के खिलाफ बिना उसकी सहमति के कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। राह-वीर की जानकारी केवल योजना के लिए प्रयुक्त होगी, अन्य किसी उद्देश्य से नहीं। इसके अलावा हर वर्ष 30 सितंबर तक राज्य सरकारें तीन सर्वश्रेष्ठ राह-वीरों के नाम केंद्र सरकार को भेजेंगी। इनमें से 10 को राष्ट्रीय सम्मान दिया जाएगा।