भोपाल

राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल ने फ़िशिंग लिंक और खतरनाक एपीके फाइलों से सतर्क रहने की चेतावनी जारी की

सुरक्षित रहें और जागरूक रहें

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
भारत-पाक संघर्ष के चलते साइबर हमले का जोखिम बढ़ गया है। इस स्थिति में भारतीय शासकीय एजेंसियां, सैन्य कर्मी संस्थान और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा सकता है। भारत-पाक संघर्ष के संबंध में वाट्सअप, ई मेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से तेजी से फैल रही दुष्प्रचार सामग्री के बारे में सतर्क रहना आवश्यक है। इस सामग्री में भ्रामक वीडियो फोटो एपीके फाइल और भारत-पाक संघर्ष से संबंधित समाचार या अपडेट के रूप में फिशिंग ई मैल का उपयोग शामिल है। साइबर अपराधी समाचार अथवा सूचनाओं से संबंधित विशेष अपडेट, संघर्ष से संबंधित कथन या लीक हुए फुटेज के बहाने दुष्प्रचार सामग्री प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें मैलवेयर, स्पाइवेयर या फिशिंग वेबसाइट्स के लिंक होते हैं। यह सामग्री विभिन्न URL लिंक या अज्ञात नंबरों से भेजी गई तस्वीरों के रूप में भी हो सकती है जो कि वाट्सअप टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से बड़ी सरलता से प्रेषित की जा सकती है।साइबर हमला करने के तरीकों में दुष्प्रचार रूप से तैयार की गई एपीके फाइल,एक्स फाइल और वीडियो फाइल लिंक को वाट्सअप ई मैल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निम्नलिखित तरीकों से साझा किया जा रहा है।संदेशों में फिशिंग लिंक एम्बेड करना जो विश्वसनीय स्रोतों या समूहों के समान प्रतीत होते हैं। वैध समाचार या सरकारी स्रोतों की तरह दिखने के लिए डिजाइन की गई इन फिशिंग वेबसाइट्स के माध्यम से व्यक्तिगत डेटा को चुराया जा सकता है। एप या टूल जैसे, “लाइव वार अपडेट् एप के रूप में लेबल की गई एपीके फाइल्स का प्रसार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से डेटा चुराना या डिवाइस को लॉक करके फिरौती की मांग की जा सकती है। इसके अतिरिक्त इन टूल्स के माध्यम से बैंक खाते या सोशल मीडिया खाते आदि को भी हैक किया जा सकता है।व्हाट्सप् और सोशल मीडिया उपयोग हेतु जनता के लिए सलाह दी गई है। कभी भी अनजान फोन नंबर से भेजे गए वीडियो या इमेज फाइल को ओपन न करें, भले ही ऐसी फाइल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा भेजी गई हो जिस पर आप भरोसा करते हैं। स्वयं भी ऐसे मैसेज फाइल को कभी किसी को या किसी समूह को फॉरवर्ड न करें। केवल गूगल प्ले स्टोर या अधिकृत ऐप स्टोर से ही किसी एप को इंस्टाल करें। विवादित अपडेट या संवेदनशील फुटेज दिखाने का दावा करने वाले फॉरवर्ड किए गए लिंक पर क्लिक् कर ओपन करने का प्रयास न करें। यदि आप किसी ऐसे समूह के सदस्य हैं जहां भड़काऊ या असत्यापित सामग्री शेयर की जा रही हो तो ऐसा करने वाले संदिग्ध व्हाट्सप् ग्रुप से बाहर निकलें, रिपोर्ट करें और ऐसे ग्रुप को डिलीट करें।व्हाट्सप् में बेहतर सुरक्षा सेटिंग्स करें जैसे ऑटो डाउनलोड डिसएबल् करें: व्हाट्सप् की सेटिंग् में जाकर में -> स्टोरेज और डाटा में जाएं फिर सभी मीडिया जैसे फोटो, ऑडियो, वीडियो, डॉक्यूमेंट के लिए ऑटो – डाउनलोड को डिसएबल करें।अकाउंट हैक होने से बचाने के लिए हमेशा व्हाट्सप् अकाउंट सेटिंग् में टू -स्टेप वेरिफिकेशन एनबल करें। किसी भी दुष्प्रचार संदेश या समूह गतिविधि को सीधे व्हाट्सप् पर रिपोर्ट करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। OTP किसी के साथ साझा न करें।इसी प्रकार ईमैल उपयोग करते हुए इन सावधानियों को बरतें अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए ईमेल न खोलें, खासकर वे जो भारत-पाक संघर्ष से संबंधित विषय वाले हों।अनचाहे ईमेल से आए अटचमेंट को डाउनलोड करने या लिंक पर क्लिक् कर ओपन करने से बचें। ईमेल एड्रेस की सावधानीपूर्वक जांच करें क्योंकि फिशिंग ईमेल भेजने के लिए साइबर अपराधी अक्सर असली जैसे दिखने वाले एड्रेस की नकल करते हैं। सभी ईमेल अकाउंट्स में 2- फैक्टर ऑथेंटिकेशन एनबल करें। अपडटेड ऐंटीवाइरस सॉफ्टवेयर का ही उपयोग करें और स्पैम फ़िल्टर को एनबल रखें।भारत-पाक संघर्ष पर अपडेट या सूचनाएं जानने के लिए केवल सत्यापित समाचार चैनल और सोशल मीडिया हैंडल का ही उपयोग करें। संवेदनशील फर्जी समाचारों को फॉरवर्ड या डाउनलोड करने से बचने के लिए फैक्टचेकर्स का उपयोग करें। क्लाउड स्टोरेज एवं महत्वपूर्ण डेटा का नियमित रूप से बैकअप लेते रहें। अपने ऐंटीवाइरस और मोबाइल सेक्युरिटी सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें। विशेष रूप से संवेदनशील घटनाओं या सूचनाओं की असत्यापित सामग्री को शेअर करने से बचें। अधिकृत सरकारी वेबसाइटों और हैंडल के माध्यम से किसी भी ग्राफिक जानकारी को सत्यापित करें।आपातकालीन स्थिति के लिए जरूरी सेटिंग्स इमरजेंसी SOS फीचर एंड्रॉयड में सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी इमरजेंसी SOS में जाकर इसे ऑन करें। पावर बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें। इसी प्रकारआइफोन में सेटिंग्स > इमरजेंसी SOS > “साइड बटन से कॉल करें” और “ऑटो कॉल” चालू करें। साइड बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें ।इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स और मेडिकल ID एंड्रॉयड में सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स में जोड़ें। आइफोन में हेल्थ ऐप > मेडिकल ID सेट करें और “लॉक स्क्रीन पर दिखाएं” चालू करें।इमरजेंसी अलर्ट ऑन करें सेटिंग > नोटिफिकेशन वायरलेस अलर्ट्स सभी चेतावनियाँ ऑन करें भूकंप, सुनामी, आतंकी हमला आदि।रिपोर्ट यहाँ पर करें यदि आप ऐसे किसी साइबर घोटाले का शिकार हुए हैं, तो कृपया हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें। जनता से आग्रह है कि वे सतर्क रहें, संदिग्ध सामग्री को रिपोर्ट करें और गलत सूचना के प्रसार में योगदान न दें।

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