भोपाल

एक जून “भोपाल विलिनीकरण दिवस” आजादी के छः सौ उनसठ दिन बाद एक जून को भोपाल में फहराया तिरंगा झंडा

सीहोर के इछावर से शुरू हुआ था भोपाल विलीनीकरण आन्दोलन

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन आजादी मिलने के 659 दिन बाद 1 जून 1949 को भोपाल में तिरंगा झंडा फहराया गया। भोपाल रियासत के भारत गणराज्य में विलय में लगभग दो साल का समय इसलिए लगा । आजादी मिलने के इतने समय बाद भी, भोपाल रियासत का विलय न होने से जनता में भारी आक्रोश था। यह आक्रोश विलीनीकरण आन्दोलन में परिवर्तित हो गया। भोपाल रियासत के भारत संघ में विलय के लिए चल रहे विलीनीकरण आन्दोलन की शुरुआत सीहोर के इछावर से हुई थी। विलीनीकरण अन्दोलन का विस्तार हुआ और अन्दोलन की गतिविधियों का दूसरा बड़ा केन्द्र रायसेन बना। इस आंदोलन को चलाने के लिए जनवरी 1948 में प्रजामंडल की स्थापना की गई। मास्टर लाल सिंह ठाकुर, उद्धवदास मेहता, पंडित शंकर दयाल शर्मा, बालमुकन्द, जमना प्रसाद, रतन कुमार, पंडित चतुर नारायण मालवीय, खान शाकिर अली खां, मौलाना तरजी मशरिकी, कुद्दूसी सेवाई, इस आन्दोलन के प्रमुख नेता थे। विलीनीकरण की पहली आमसभा इछावर के पुरानी तहसील स्थित चौक मैदान में ही हुई थी। इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किसान नामक समाचार पत्र भी निकाला था। 14 जनवरी 1949 को रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदा तट पर विलीनीकरण आन्दोलन को लेकर विशाल सभा चल रही थी। इसमें सीहोर, रायसेन और होशांगाबाद से लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। सभा के दौरान तिरंगा झण्डा फहराया जाना था। इस आंदोलन का संचालन करने वाले सभी बड़े नेताओं को पहले ही बन्दी बना लिया था। तिरंगा झण्डा हाथ में लेकर बढ़ रहे युवाओं पर पुलिस ने गोलियां चलाई। इस गोलीकांण्ड में 4 युवा शहीद हो गए । इसमें 25 वर्षीय धनसिंह, 30 वर्षीय मंगलसिंह, 25 विशाल सिंह, तथा किशोर छोटे लाल की उम्र महज 16 साल थी। इनकी उम्र को देखकर उस वक्त युवाओं में देशभक्ति के जज्बे का अनुमान लगाया जा सकता है। भोपाल विलिनीकरण आंदोलन के इन शहीदों की स्मृति में रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास में नर्मदा तट पर 14 जनवरी 1984 में स्मारक बनाया गया है। नर्मदा के साथ-साथ बोरास का यह शहीद स्मारक भी उतना ही पावन और श्रद्धा का केन्द्र है। प्रतिवर्ष यहां 14 जनवरी को विशाल मेला आयोजित होता आ रहा है। बोरास के गोलीकांड की सूचना सरदार वल्लभ भाई पटेल को मिलते ही उन्होंने श्री बीपी मेनन को भोपाल भेजा था। भोपाल रियासत का 1 जून 1949 को भारत गणराज्य में विलय हो गया और भारत की आजादी के 659 दिन बाद भोपाल में तिरंगा झंडा फहराया गया।

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