भोपाल

नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज एक बड़ी जन स्वास्थ्य समस्या,स्वस्थ यकृत मिशन अंतर्गत रोगियों की स्क्रीनिंग प्रारंभ

शराब एवं धूम्रपान से दूर रहने का दिया जा रहा परामर्श

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज की स्क्रीनिंग के लिए चलाये जा रहे स्वस्थ लीवर मिशन में 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की स्क्रीनिंग जा रही है। स्क्रीनिंग में ऊंचाई, वजन, कमर के माप की गणना की जा रही है। फैटी लीवर के संभावित संदिग्ध श्रेणी के मरीजों की जानकारी संधारित की जा रही है। संभावित संदिग्ध लोगों में चिकित्सकीय सलाह पर अन्य जांचों के माध्यम से फैटी लीवर होने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। ये अभियान लीवर संबंधी बीमारियों की जागरुकता, प्रारंभिक पहचान, उपचार और रोकथाम के लिए चलाया जा रहा है। मिशन के तहत प्रारम्भिक स्क्रीनिंग में मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा बीएमआई,सीबैक स्कोर एवं कमर का माप लिया जा रहा है। बीएमआई 23 से अधिक होने, महिलाओं में कमर का माप 80 सेमी और पुरुषों में 90 सेमी से अधिक होने पर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों एवं नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं में जांच के लिए रेफरल किया जा रहा है। संदिग्ध मामलों की जांच के साथ साथ लीवर को स्वस्थ रखने के लिए घर में उपलब्ध पौष्टिक आहार के सेवन, शराब एवं धूम्रपान से दूर रहने का परामर्श दिया जा रहा है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रही है जो कि मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसे बीमारियों से संबंधित है एवं समय पर पहचान कर प्रबंधन और जोखिम कारकों को कम किया जा सकता है ।

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