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सदैव नाम प्रभु का सुमिरन एंव जप करें, भवसागर होगा पार : पंडित कैलाशचंद्र डोंगरे

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सदैव नाम प्रभु का सुमिरन एवं जप करें, भवसागर पार होगा: पंडित कैलाशचंद्र डोंगरे

कैलाश नगर में श्री शिवमहापुराण ज्ञान गंगा यज्ञ कथा का दूसरा दिन

खंडवा। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान का नाम लेकर पापियों को कभी भी पाप नहीं किया जा सकता है। अगर आप एक तुलसी की माला लेकर नाम जपते हैं तो वह सीधे आपको ईश्वर से जोड़ देगा। कलयुग में नाम जप मंगल आपके जीवन को संरक्षित करने का हथियार है। अताव भगवान के नाम पर पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास हृदय के अंतकरण से भाव विह्वल जैसे एक छोटा बच्चा अपनी मां के लिए बिलखता है, उसी भाव से सदैव नाम प्रभु का सुमिरन एवं जप करें।
यह उद्गार पंडित कैलाशचंद्र डोंगरे जी ने कैलाश नगर में आयोजित शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन कथा वाचन करते हुए कहा।

कैलाश नगर में आयोजित श्री शिव महापुराण का वाचन करते हुए पंडित श्री डोंगरे ने गुरु महोत्सव का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि गुरु के जीवन में उसका जीवन समझना शुरू ही नहीं होता। असल में गुरु दिग्दर्शन एक साथ लेकर प्रतिदिन गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए। नाम जप कलयुग में भक्ति का एक मुख्य अंग है। प्रभु के नाम जप की महिमा है। संतों ने प्रभु का नाम “भगवान का नाम” बताया है। हर युग में अपना साधन हुआ करते हैं। कलियुग में नाम जप और नाम कीर्तन ही प्रधान साधन है। सभी शास्त्र, संत और पंथ एकमत हैं कि कलियुग में नाम की ही प्रधानता है। संत कहते हैं कि “कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा”। सभी शास्त्रों में नाम की महिमा गाई गई है। श्री रामचरितमानसजी की एक बहुत प्रसिद्ध चौपाई है “कलिजुग जोग न जग्य न ग्याना, एक अधार राम गुण गाना”।
जब ब्रिटिश ने चरण पखारे
पंडित श्री डोंगरे ने एक अनुकरणीय वाकया सुनाते हुए कहा कि प्राचीन समय की बात है जब एक ब्रिटिश बस स्टैंड पर उतरा और उन्होंने एक संत को क्षेत्र की जानकारी चाही तो संत ने अपने कंधे पर लटकी रही बंदूक को देखकर यह पूछा क्या है तो ब्रिटेन ने कहा ये मेरा हथियार है. इंग्लैंड ने पलटकर पूछा कि आपके हाथ में क्या है तो संत बोले आपके पास का हथियार है मेरे पास भी हथियार है। इंग्लैण्ड हंसा और हे पेड़ पर बैठा पक्षी पर गोला चला दी, पक्षी फड़फड़ाकर नीचे गिरा। यह देख संत ने भयभीत पक्षी के पास जाकर अपनी तुलसी की माला से सर पर फेरकर मंत्र का जाप किया। कुछ ही पलों में पक्षी उड़कर के इरादे का पता चल गया। यह देखिये अंग्रेजी संत के नतमस्तक हो गये। संत ने कहा आपका हथियार जान ले सकते हैं मगर हमारा हथियार प्राण दे सकते हैं। पंडित डोंगरे ने कहा कि इसलिए आपको कष्टों से मुक्ति मिलती है और ईश्वर की भक्ति का पूरा पुण्य लाभ मिलता है तो आपको नाम जपना होगा। इस अवसर पर
महिला शक्ति ने किया पितृ लिंग पूजन
कथा स्थल पर ही प्रतिदिन महिला पितृभक्ति का निर्माण और पूजन कर शिवभक्ति का पुण्य लाभ ले रही है।

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