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चरथ भिक्खवे चरिक” बुद्ध की बौद्ध कालीन परंपरा का वाहक है

कुशीनगर। सारनाथ से निकली विशाल धम्म चारिका पदयात्रा शनिवार की शाम को कसया तहसील क्षेत्र के अहिरौली बाजार पहुंची जहां यात्रा में शामिल भिक्षुओं और उपासकों का फूल वर्षा

कसया, कुशीनगर। सारनाथ से निकली विशाल धम्म चारिका पदयात्रा शनिवार की शाम को कसया तहसील क्षेत्र के अहिरौली बाजार पहुंची जहां यात्रा में शामिल भिक्षुओं और उपासकों का फूल वर्षा कर व माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। स्थानीय इंडियन पब्लिक हायर सेकंडरी स्कूल अहिरौली के परिसर में पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे धम्मा लर्निंग सेंटर सारनाथ के संस्थापक भन्ते चंदिमा महाथेरो व 170 भिक्षुओं का आयोजक शिक्षक अवधेश प्रसाद के नेतृत्व में ग्रामप्रधान राधेश्याम, एडवोकेट जितेंद्र पटेल, रामरतन, रामकिशुन, रामप्रीत प्रसाद, मुस्तफा खान, खुर्शीद आलम व ग्राम वासियों ने स्वागत किया। यात्रा 16 नवम्बर से निकली है। जिसका समापन 08 दिसम्बर रविवार को 500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर 22 वें दिन कुशीनगर में होगी। आयोजित धम्म यात्रा का नेतृत्व कर रहे धम्मा लर्निंग सेंटर सारनाथ के संस्थापकभन्ते चंदिमा ने कहा कि भगवान बुद्ध ने शांति, दया का पाठ विश्व को पढ़ाया। यात्रा लोक कल्याण व विश्व शांति की मंगल कामना के लिए यह यात्रा निकली है। आयोजक शिक्षक अवधेश प्रसाद ने कहा कि बुद्ध की बौद्ध कालीन परंपरा “चरथ भिक्खवे चरिक” का वाहक है। जिसमें भिक्षु संघ को जन कल्याण के लिए लोगों के मध्य जाकर जीवन जीने का मार्ग बताना है। इस दौरान राजेश कुमार सिंह, मुकेश गोंड, शाहनवाज सिद्दीकी, हरीश चंद्र यादव, फूलबदन कुशवाहा, डॉ राघवेंद्र सिंह, एडवोकेट जितेंद्र पटेल, पप्पू, सम्राट रामअवतार, अशोक, अनिल, नागेंद्र, अभिषेक, दशरथ शर्मा, लल्लन भारती, स्वामीनाथ चौधरी, विजेन्द्र भारतवासी, फूलबदन, अजय, शैलेन्द्र, कृष्णानंद, जंटू कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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