ताज़ा ख़बरें

स्वच्छता की पाठशाला: स्वच्छ वार्ड हेतु जनभागीदारी का आह्वान*

खबर नगर निगम से...

एडिटर-तनीश गुप्ता✍️

खण्डवा-नगर पालिक निगम खंडवा में महापौर  अमृता अमर यादव के नेतृत्व में “स्वच्छता की पाठशाला” कार्यशाला का आयोजन  किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के अंतर्गत नगर के विभिन्न वार्डों को स्वच्छतम बनाने के लिए आवश्यक कदमों की जानकारी देना और जनप्रतिनिधियों व नागरिकों को इस दिशा में प्रेरित करना था। इस अवसर पर अध्यक्ष  अनिल विश्वकर्मा, MIC सदस्य सोमनाथ काले,  राजेश यादव, उषा दिना पवार, और  विक्की बावरे सहित विभिन्न पार्षदगण उपस्थित रहे।

इसके साथ ही निगम आयुक्त  प्रियंका राजावत, उपायुक्त एस.आर. सितोले, कार्यपालन यंत्री  वर्षा घीघोड़े,  राधेश्याम उपाध्याय, तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। विशेष रूप से भोपाल से आए स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने बताया कि अपने वार्डों को स्वच्छतम बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं और इस दिशा में किस प्रकार से रैंकिंग में सुधार किया जा सकता है।

*स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की दृष्टि से मुख्य बिंदु*

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में वार्ड स्तर पर रैंकिंग में सुधार हेतु नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, और बच्चों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण एक शून्य कचरा (Zero Waste) कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें सभी ने यह समझने का प्रयास किया कि कैसे अपने-अपने वार्ड को पूर्ण स्वच्छता की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है।

1. वार्ड नेताओं की भूमिका: वार्ड के नेतागण स्थानीय निवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर सकते हैं। इसके लिए घर-घर जाकर कचरे का वर्गीकरण सुनिश्चित करना, गीले और सूखे कचरे को अलग करना, और घरेलू स्तर पर खाद बनाने के उपायों को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। साथ ही, वह नियमित सफाई कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं और स्वच्छता अभियान में महिलाओं और बच्चों को सक्रिय रूप से शामिल कर सकते हैं।
2. स्कूल के बच्चों की भागीदारी: बच्चों के माध्यम से प्रभावशाली जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है। उन्हें स्वच्छता क्लब में शामिल कर स्वच्छता से जुड़े विभिन्न कार्यों जैसे प्लास्टिक मुक्त वार्ड अभियान, पौधारोपण, और दीवारों पर स्वच्छता के संदेश लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। बच्चों को “स्वच्छता दूत” की भूमिका देकर स्वच्छता का संदेश उनके परिवारों और समुदाय में फैलाने का अवसर दिया जा सकता है।
3. अधिकारी और कर्मचारी का सहयोग: निगम के अधिकारी भी वार्ड की स्थिति का नियमित मूल्यांकन करके नागरिकों को प्रोत्साहित कर सकते हैं। वे नागरिकों को आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं, जैसे कि डस्टबिन और कचरा प्रबंधन की सुविधाएं, ताकि हर व्यक्ति स्वच्छता में अपना योगदान दे सके।

इस कार्यशाला के अंतर्गत बताया गया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। यह सुनिश्चित किया गया कि निगम के प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता का मापदंड उच्च रहे और इसे एक “जन आंदोलन” के रूप में आगे बढ़ाया जाए।
महापौर अमृता अमर यादव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यशाला आयोजन से नगर निगम खंडवा को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतरीन रैंक दिलाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी नागरिकों, पार्षदों और बच्चों से अपील की कि वे इस प्रयास में निगम का सहयोग करें और स्वच्छ खंडवा के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!