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अवैध रेत परिवहन का मास्टरमाइंड कौन…? खनिज विभाग क्यों है, मौन

सारंगढ़ संवाददाता -चित्रसेन घृतलहरे

मिरौनी महानदी से रोजना हों रहें अवैध रेत परिवहन मास्टरमाइंड कौन, खनिज विभाग क्यों हैं, मौन…….?

-प्रतिबंध के बाद भी सारंगढ़ बिलाईगढ जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन लगातार जारी है। जिला सारंगढ़- बिलाईगढ़ के मिरौनी महानदी से दिन-रात रेत माफिया रेत निकाल कर भंडारण और परिवहन कर रहे हैं। जिस पर रोक लगाने में प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी असफल हैं।खनिज विभाग से जारी निर्देशानुसार जिले में खनिज रेत सहित समस्त प्रकार के खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण एवं दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। मगर ऐसा हो नहीं रहा है। लगातार अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है।
सुबह से रात तक हाइवा, ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से रेत का परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है। मिरौनी महानदी से रेत माफिया दिन रात उत्खनन कर रेत निकाल रहे हैं। जब की ट्रैक्टर का उपयोग कृषि कार्य के लिए होता है।पर यहां रेत माफिया परिवहन नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ट्रैक्टर से रेत परिवहन कर रहे हैं। बड़े-बड़े हाई-वे से रेत का काला कारोबार कर रहे हैं।परिवहन विभाग द्वारा भी कभी कार्रवाई नहीं किया जाता। तो वहीं खनिज विभाग द्वारा दिखानें के लिए बीच बांच में एक-दो रेत के कारोबार करने वाले के ऊपर कार्यावाही करके क्षेत्र में हों रहें हल्लागुल्ला को शांत कराते हैं। फिर थोड़ा दिन बाद रेत माफिया अपने कार्य को जोर-शोर करने लगते हैं।रेत माफिया से गांव वालों भी बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं। क्योंकि आजकल बरसात के दिनों में सड़कें पहले से कहीं गढ्ढे, तों कहीं जर्जर रहता है।जिससे आवागवन करने वाले लोग पहले से मुसिबतो का सामना करतें हुए यातायात करने में मजबूर रहते हैं। जिसमें अवैध रेत परिवहन करने वाले सड़कों को ख़राब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। स्कूल के छात्र -छात्राएं अपने अपने सपनो को पूरा करने के लिए उसी सड़क पर से गुजरना होता हैं।पर ट्रैक्टर और हाई-वे वाले अवैध रेत का कारोबार करतें हैं।उसके बावजूद सड़क को ख़राब करते जाते हैं।और स्कूल बच्चों के कपड़ों पर किचड़ उड़ानें में कोई कसर नहीं छोड़ते। मिरौनी महानदी से रोजाना 150-200 गाड़ियों से अवैध रेत परिवहन हों रहें हैं। लोकल एरिया व अन्य प्रांतों में भी रेत को बेचा जा रहा हैं।गौर करने वाले बात यह कि पिछले कई महिनों से रेत का अवैध परिवहन हों रहा है। जिसको अखबार, सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लगातार अवगत कराया जा रहा हैं। फिर भी रेत माफियों के हौंसले बुलंद हैं। और अपना काला कारोबार चलाने में सफल हैं। ज़िले के प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इन प्राकृतिक संपदाओं को लेकर कभी भी गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया गया।

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