कुसंग जीवन के समस्त पुण्य को पाप में बदल देता है-आचार्य देवव्रत जी
कथा सुनाते आचार्य देवव्रत जी
लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के ढ़िगवस गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा में गुरूवार को श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। कथाव्यास प्रयागराज से पधारे आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का लीलावतार धर्म के अनुपालन कराए जाने के लिए हुआ। उन्होने श्रद्धालुओं को बताया कि श्रीमदभागवत महापुराण की कथा जीवन को संस्कारित परिवेश प्रदान करने वाली अमृत गंगा है। उन्होनें कहा कि मनुष्य को कुसंग से बचना चाहिए। कुसंग क्षण भर में जीवन को नष्ट कर देने की घातकता का श्राप है। कथा में श्रद्धालुओं ने श्रीद्वारिकाधीश के नाम जाप के साथ व्यासपीठ का पूजन अर्चन किया। संयोजक निर्मला पाण्डेय व रामप्रताप पाण्डेय ने कथाव्यास आचार्य देवव्रत जी का श्रद्धालुओं की ओर से सम्मान किया। इस मौके पर प्रभाशंकर शुक्ल, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, विकास मिश्र, हरीश मिश्र, मोनू पाण्डेय, रज्जन मिश्र, रामकुमार पाण्डेय आदि रहे।