थैलेसीमिया एवं सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ
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राजमाता विजयाराजे सिंधिया शासकीय कन्या (अग्रणी) स्नातकोत्तर महाविद्यालय विदिशा में 14 एमपी बटालियन विदिशा के कमान अधिकारी के निर्देशन में थैलेसीमिया एवं सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरूकता अभियान के तहत महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा अस्पताल चैराहा में आमजन को थैलेसीमिया एवन सिकलसेल बीमारी से संबंधित पम्पलेट बांटकर इस बीमारी से छुटकारा कैसे पाना है के उपायों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग की अतिथि विद्वान डॉ शांता अहिरवार द्वारा व्याख्यान के माध्यम से एनसीसी कैडेट्स एवं महाविद्यालय की छात्राओं को इस अनुवांशिक बीमारी के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तारपूर्वक समझाया गया।।
डॉ शांता अहिरवार ने बताया कि थैलेसीमिया विरासत में मिला एक रक्त विकार है। थैलेसीमिया एवं सिकल सेल एनीमिया दोनों ही वंशानुगत बीमारियां हैं इन दोनों का बचाव ही उसका इलाज है क्योंकि वर्तमान युग में शादियां अलग-अलग जगह होने से यह वंशानुगत बीमारियां बहुत ही तीव्र गति से भारतीय समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। एनसीसी कैडेट्स द्वारा इस गंभीर बीमारी से संबंधित पोस्टर भी बनाए। यह जागरूकता अभियान महाविद्यालय की संरक्षक प्राचार्य डॉ. नीता पांडे के संरक्षण में संपादित किया गया। प्राचार्य ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि थैलासेमिया एक गंभीर बीमारी है इसके बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना चाहिए।
कार्यक्रम का संयोजन एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ. विनीता प्रजापति ने किया। इस जागरूकता अभियान में महाविद्यालय की वरिष्ठ प्रोफेसर एवं पूर्व एनसीसी अधिकारी डॉ मंजू जैन, प्रोफेसर नीता दीक्षित ने सक्रिय रूप से सहयोग किया तथा 14 एमपी बटालियान से हवलदार मोहम्मद शफीक उपस्थित रहे।
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