कानपुर , रविवार सुबह से शाम तक खाली पेट लाइन लगाने की लाचारी मानो गरीब आम जनता का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही पिछले कई दिनों से शहर की सरकारी गल्ले की दुकानों के इर्दगिर्द लाभार्थियों का जमावाड़ा और चेहरे की मायूसी उनकी लाचारी को बया करती दिखती है जानकारी करने पर मालूम हुआ कि दूकान पर रासन तो है पर खाली पेट सर्वर का इन्तज़ार करने की लाचारी है ! झोला और पेट दोनों नेटवर्क न मिलने के कारण खाली है ! एक तरफ सरकारी लाभ है तो दूसरी तरफ व्यक्तिगत नुक्सान का दुख ! लाभार्थी को सरकारी लाभ दीख तो रहा है पर मिल सके इसके लिए सर्वर होना बहुत जरूरी है जिसका कोई आता पता दूकानदार के पास नहीं है !
लाभ पाने के लिए हर कोई कुछ न कुछ नुकसान उठाने को मजबूर है किसी की पढाई का नुकसान तो किसी को जरूरी काम का नुकसान किसी को घर गृहस्थी की जिम्मेवारियों की चिन्ता तो किसी को आर्थिक नुकसान बस सवाल एक कि सर्वर कब आएगा
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