निलेश सुरेश मोकले -मुंबई [महाराष्ट्र ]
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होना है। भाजपा के तीन सदस्य नारायण राणे, प्रकाश जावड़ेकर और वी मुरलीधरन, एनसीपी की वंदना चव्हाण, कांग्रेस के कुमार केतकर और शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं..
10 जून 2022 के बाद महाराष्ट्र का सियासी गणित बदल गया है। उस दिन सूबे में राज्यसभा की छह सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को चकमा देकर तीसरी सीट भी जीत ली थी। विगत 25 सालों में यह पहला अवसर है, जब सूबे के दो बड़े राजनीतिक खिलाड़ी शरद पवार और उद्धव ठाकरे अब इस स्थिति में नहीं हैं कि कोई जादू कर सकें। इससे सूबे में राज्यसभा की 6 सीटों पर होने वाले चुनाव में एक बार फिर चमत्कार होने की संभावना जताई जा रही हैं.
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होना है। भाजपा के तीन सदस्य नारायण राणे, प्रकाश जावड़ेकर और वी मुरलीधरन, एनसीपी की वंदना चव्हाण, कांग्रेस के कुमार केतकर और शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से शिवसेना विधायक अनिल बाबर एवं भाजपा के गोवर्धन शर्मा की मृत्यु होने और कांग्रेस के सुनील केदार को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कुल संख्या 285 है। एक उम्मीदवार के लिए 42 मतों की आवश्यकता है। सबसे ज्यादा 104 विधायक भाजपा के हैं। वहीं, एनसीपी (अजित गुट) के 44 और शिंदे की शिवसेना के 39 विधायक हैं। इसके अलावा सत्ता पक्ष को निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा तीन, शिवसेना और एनसीपी एक सीट आसानी से जीत सकती है। वहीं, विपक्ष में कांग्रेस के 44, शिवसेना (यूबीटी) के 16 और एनसीपी (शरद गुट) के 11 विधायक हैं। कांग्रेस भी एक सीट जीत सकती है, लेकिन 6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में उतरे तो खेला हो सकता है।
महाराष्ट्र से उत्तर भारतीय नेता को मिल सकता है मौका
शरद पवार और उद्धव ठाकरे के पास अंकगणित नहीं है। वहीं, भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। नारायण राणे और प्रकाश जावड़ेकर का पत्ता कट सकता है। दो दिन पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर हुई बैठक में संजय उपाध्याय, पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, अमरीश पटेल, हर्षवर्धन पाटिल, माधव भंडारी और महिला प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ के नाम पर चर्चा हुई है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के संजय उपाध्याय को पिछली बार राज्यसभा की उम्मीदवारी मिली थी, लेकिन पार्टी के निर्देश पर नामांकन वापस ले लिया था। मुंबई महानगर और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय बड़ा वोट बैंक है, जिस पर भाजपा की पैनी नजर है। ऐसे में संजय उपाध्याय को मौका मिल सकता है।