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*आंधी-बारिश का बार-बार बहाना बनाने पर अपर मुख्य सचिव ने लगाई फटकार, मंत्री ने भी दिखाए तेवर, 15 करोड़ की राशि पिछले दिनों ही की है मंजूर

*आंधी-बारिश का बार-बार बहाना बनाने पर अपर मुख्य सचिव ने लगाई फटकार, मंत्री ने भी दिखाए तेवर, 15 करोड़ की राशि पिछले दिनों ही की है मंजूर*

 

इंदौर। अभी इंदौर में लगातार हो रही घंटों की बत्ती गुल को लेकर हल्ला मचा है, जिसके चलते कल विभागीय मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने प्रबंध संचालक ने एमडी को तलब किया और बिजली कटौती के बारे में बार-बार यह कहने कि आंधी-बारिश के कारण बिजली गुल हो रही है।

 

उस पर अपर मुख्य सचिव ने फटकार लगाई कि एक जैसे बहाने कब तक सुनेंगे, जबकि रख-रखाव के लिए 10 की बजाय 15 करोड़ रुपए की राशि पिछले दिनों मंजूर की गई है। वहीं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्रसिंह तोमर ने भी स्पष्ट कहा कि मुझे पहली बार मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से भी लगातार बिजली कटौती को लेकर शिकायतें मिल रही है। इसके साथ ही आईपीडीएस घोटाला भी इस बैठक में चर्चा में रहा।

 

बीते कई दिनों में इंदौर में थोड़ी-सी भी हवा चलने या हल्की बारिश होने से भी बिजली गुल हो जाती है और फिर घंटों लोगों को भीषण गर्मी में गुजारना पड़ते हैं। कई क्षेत्रों में तो रात-रातभर बिजली गायब रही और सोशल मीडिया पर दिग्गी काल की याद जनता को आने लगी, जिसमें लालटेन, मोमबत्ती से लेकर इन्वर्टरों के भरोसे रहना पड़ता था। इंदौर के तमाम जनप्रतिनिधियों ने भी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर आला अफसरों-मंत्रियों से की।

 

कल बैठक में बताया गया कि इंदौर में सबसे अधिक 1300 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें 300 से अधिक शिकायतें तो 4 घंटे से भी अधिक समय तक बिजली गुल रहने की शामिल हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने और स्पष्ट कारण भी नहीं बताने सहित अन्य मामलों पर भी मंत्री और अफसर ने एमडी को फटकार भी लगाई। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों महापौर ने भी बिजली कम्पनी के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी और उसमें भी बत्ती लगातार गुल रहने की समस्या हल करने और पहले से जनता को सूचना देने को भी कहा गया। इतना ही नहीं, कल की बैठक में बिजली कम्पनी के पीआरओ को भी बुलाकर फटकार लगाई कि लगातार बिजली विभाग की नकारात्मक खबरें छप रही है और अच्छे कामों की कोई जानकारी ही नहीं आती।

 

जबकि हम करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट करवा रहे हैं। दूसरी तरफ आईपीडीएस का जो घोटाला उजागर हुआ उसको लेकर भी मंत्री सहित भोपाल के आला अफसर नाराज हैं और इसकी रिपोर्ट भी मंगवाई गई और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई की यह भी पूछा गया है, क्योंकि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी यह मामला उठाया और उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे जुड़े बड़े घोटालों के सबूत वे जल्द ही पेश करेंगे। अभी तक इस मामले में 26 अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, तो कुछ को बख्श भी दिया गया। अभी इंदौर सहित प्रदेशभर में बिजली ट्रैपिंग, लम्बी कटौती के अलावा सीएम हेल्पलाइन पर भी बिजली से जुड़ी शिकायतें ही सबसे अधिक सामने आ रही है, जिसके चलते ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्रसिंह तोमर भी लगातार कार्रवाई करवा रहे हैं और पिछले दिनों एसी छोडक़र उन्होंने अपने घर के बाहर टेंट लगाकर सोने की नौटंकी भी की थी। कल की बठक में भी उन्होंने गैर जिम्मेदार अधिकारियों को हटाने और जनता की शिकायत तथा कॉल को नहीं उठाने वालों की वेतन वृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए। हर साल मानसून से पहले बिजली विभाग रख-रखाव के कार्य करता है और उसके चलते भी अलग-अलग क्षेत्रों में घंटों बिजली कटौती की जाती है। रख-रखाव के ये तमाम कार्य लगभग सालभर ही चलते हैं और फिर विभाग यह दावा करता है कि मानसून के दिनों में कटौती नहीं होगी, जबकि अभी तो मानसून पूर्व ही लगातार बत्ती गुल होती है।

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