
रिपोर्टर= भव्य जैन
म.प्र. शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार संविधान का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉक्टर दीपक रावल के मार्गदर्शन में किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ दीपक रावल ने बताया संविधान का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले ऐतिहासिक समारोह की शुरुआत की घोषणा की है। यह निर्णय हमारे लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ मनीष चौधरी ने संविधान के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए मूल अधिकार एवं मौलिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी प्रदान की और आगे बताया कि
26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी है। इस संविधान ने भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाया गया था, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है। अपनी स्थापना के बाद से, संविधान पिछले 75 वर्षों से राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. मुकेश बघेल के द्वारा किया। आभार प्रो. प्रगति मिमरोट ने माना। इस अवसर पर डॉ मनीष चौधरी , डॉ. पूजा बघेल, डॉ कपिल बाफना, प्रो कोमल बारिया , प्रो जितेंद्र कौरव, प्रो जितेंद्र नायक ,डॉ रंगारी डोड़वा, डॉ. शरमा बघेल, डॉ.भारती जमरा, डॉ.प्रियंका डुडवे, डॉ मधुबाला मारु डॉ.प्रेमलता, डॉ. राजेश पाल , डॉ. अनिल कटारा, प्रो. विजित मेश्राम एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।