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*विद्यार्थी परिषद ने कन्या महाविद्यालय में देवी अहिल्या बाई के त्रिशताब्दी वर्ष जयंती के उपलक्ष्य में की संगोष्ठी*

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एडिटर/संपादक:-तनीश गुप्ता,खण्डवा

*विद्यार्थी परिषद ने कन्या महाविद्यालय में देवी अहिल्या बाई के त्रिशताब्दी वर्ष जयंती के उपलक्ष्य में की संगोष्ठी*

खण्डवा:- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद खंडवा नगर मंत्री अजय बंजारे ने बताया कि पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर जी की (300 वी) त्रिशताब्दी वर्ष जयंती चल रही है विद्यार्थी परिषद द्वारा पूरे देश में देवी अहिल्याबाई की 300 वी वर्ष जयंती बड़े धूमधाम मना रही है इसी निमित्त विद्यार्थी परिषद खंडवा द्वारा नगर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में देवी अहिल्या बाई होलकर जी की त्रिशताब्दी वर्ष जयंती के उपलक्ष्य में परिसर में संगोष्ठी के आयोजित कि गई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में निमाड़ के साहित्यकार पद्मश्री के सम्मानित श्री जगदीश जोशीला एवं मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय (मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) संपर्क प्रमुख श्री प्रवीण गुप्त एवं संस्था प्राचार्य उपस्थित रहे मंचासिन अतिथियों ने विद्या की देवी मां सरस्वती, युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी एवं पुण्य श्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर जी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया इसके पश्चात अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह ,नारियल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया कार्यक्रम में स्वागत भाषण संस्था प्राचार्य डॉ प्रतापराव कदम ने रखा इसके तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री प्रवीण गुप्त ने विद्यार्थी को संबोधित करते हुए कहा कि पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने देश ,धर्म, समाज, के लिए अपना अहम योगदान दिया जिसके कारण आज हम उन्हें याद कर रहे हैं ऐसी महान रानी जिन्होंने अपने लिए नहीं अपितु अपनों के लिए जिया ऐसी थी एक कुशल नेतृत्वकर्ता देवी अहिल्याबाई ।वह अहिल्या बाई जो अपनी प्रजा को एक पुत्र के समान वात्सल्य देती थी जिससे उन्हें सभी लोग मातोश्री कहा करते थे महारानी अहिल्याबाई होल्कर का व्यक्तित्व व कृतित्व उन्हें विश्व की श्रेष्ठतम महिलाओं की पंक्ति में अग्रणी बनाता है जिनका भारत के इतिहास और जनमानस पर विशेष प्रभाव रहा है। बचपन के संस्कार ही बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं। यही संस्कार जीवन की सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं इसके पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पद्मश्री से सम्मानित श्री जगदीश जोशीला ने पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर के जीवन चरित्र पर विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर एक महान नारी थी जो अपने अदम्य साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति थी किसे पता था चौंडी ग्राम जामखेड़ अहमदनगर में एक छोटी सी सौम्य, शांत, तेजवान बालिका मालवा के सूबेदार मल्हारराव को अपनी भक्ति व गायन से इस कदर प्रभावित कर देगी कि वह अपने पुत्र खंडेराव के विवाह के लिए मानकोजी के समक्ष प्रस्ताव रखने से भी नहीं हिचकिचाएंगे
बालिका के संस्कारों से प्रभावित मल्हारराव आश्वस्त थे कि यह बालिका अपने संस्कारों ,कुशल व्यवहार ,सेवा भावना से सभी का हृदय जीत लेगी और क्रोधी, हठी, विषय वासनाओं में रत पुत्र खंडेराव को सही दिशा में लाने में अवश्य सफल होगी और हुआ भी यही। बालिका अहिल्याबाई में आदर्श भारतीय नारी के सभी गुण विद्यमान थे। अपने विवेक, नम्रता, सेवा, त्याग और सहनशीलता का ही यह परिणाम था कि खंडेराव में आत्म गौरव व वीरता का भाव उत्पन्न हुआ। खंडेराव के जीवन में आए आमूल चूक परिवर्तनों का कारण अहिल्याबाई बनी। अहिल्याबाई ने भी शनै: शनै: राजकाज के कार्यों में रुचि लेना प्रारंभ किया और युद्ध क्षेत्र में गोला बारूद, बंदूक, तोप और रसद की व्यवस्था की जिम्मेदारी अब उन्हीं पर थी कार्यक्रम का आभार प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सिद्धि पाराशर ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन नगर सह मंत्री ज्योति यादव ने किया इस दौरान जिला संयोजक हर्ष वर्मा सहित विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में छात्राए उपस्थित रही।

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