निरंकारी संत समागम संपन्न
शीर्षक-ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति से ही सभी भ्रमों का अंत संभव है – राम ललक शुक्ला
समस्तीपुर(26 जनवरी 2025) मानव जन्म और मृत्यु के बीच अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति में ही लगा रहता है,नतीजा शवासों की लड़ी चलती चली जाती है,समय बीत जाता है ,मृत्यु समीप आ जाती है पर इंसान ब्रह्म का साक्षात्कार नहीं कर पाता।वास्तव में समय के सतगुरु से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से ही सभी भ्रमों का अंत संभव है। जो आज समय के सतगुरु माता सुदीक्षा जी महराज ब्रह्मज्ञान के माध्यम से सुलभ कर रही है। ब्रह्यज्ञान अति-उत्तम,अति-पावन अति-पवित्र,प्रत्यक्ष फल देने वाला मोक्ष की प्राप्ति का सरल व आसान उपाय है।ब्रह्मज्ञान से मनुष्य परमात्मा का साक्षात्कार कर सभी दुखों से मुक्त हो जाता है। ब्रह्मज्ञान प्राप्ति के बाद सभी भ्रम-भूलेखे ,भय संशय आदि समाप्त हो जाते हैं।ज्ञान का सूर्य उदय होने पर सही -गलत,अविनाशी और नश्वर का पता चल जाता है,आत्मा रोशन हो जाती है,कण- कण में परमात्मा का नूर दिखने लगता है,एकत्व व विश्व बंधुत्व की भावना स्वतः जागृत होने लगती है,यही भावना मानवीय मिलवर्तन का आधार बनता है। उक्त विचार स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन मे, जूट मिल रोड मे समस्तीपुर में हुए विशाल निरंकारी संत समागम में प्रयागराज से आये निरंकारी मिशन के केंद्रीय प्रचारक श्रद्धेय राम ललक शुक्ला जी ने अपने प्रवचन में कहा।
समस्त कार्यक्रम का संचालन आदरणीय मुखी महात्मा राजेश कुमार जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
अवसर पर बैजनाथ पासवान जी मुखी धमौन, राज किशोर जी, ओम प्रकाश जी ,विनोद कुमार महाराज जी ,यमुना जी ,राम प्रकाश जी ,नन्देश्वर जी,मिथलेश जी, चन्देश्वर जी , बच्चा शर्मा जी ,राजू जी सहित सैकड़ो की संख्या में प्रभु-प्रेमी संत एवं सेवा दल के भाई- बहन उपस्थित रहे।अवसर पर विशाल लंगर का आयोजन हुआ।
विनोद कुमार महाराज
संत निरंकारी मंडल शाखा-समस्तीपुर