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गुरु घासीदास जी के ‘मनखे मनखे एक समान’ का मूलमंत्र..

सर्व हिन्दू समाज के सचिव एवं भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एल ईश्वर राव ने गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर मां दंतेश्वरी वार्ड के सतनाम मंदिर में आयोजित समारोह में शामिल हो समस्त अनुयायियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास जी के ” मनखे मनखे एक समान” के मूलमंत्र से ही समता मूलक समाज की स्थापना हो सकती है। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास ने जातिविहीन और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत पर समाज निर्माण की बात कही थी। जिसका मकसद जातियों में बंटे हुए समाज को एक सूत्र में बांधना और समुन्नत समाज की स्थापना करना था।

गुरु घासीदास का कहना था कि छुआछूत का भाव और ऊंच-नीच का व्यवहार मनुष्य को एक-दूसरे से अलग करता है। घासीदास के इन्हीं सिद्धांतों को आज सतनामी दर्शन का नाम दिया गया है। गुरु घासीदास के सिद्धांत के दो महत्वपूर्ण पक्ष थे। पहला, मनुष्य के भीतर चेतना पैदा करना और दूसरा, जाति प्रथा समाप्त कर एक समतावादी समाज की स्थापना कर ही एक समुचित और विकसित समाज की स्थापना की जा सकती है। इस अवसर पर सर्व हिंदू समाज के सचिव एल ईश्वर राव, बी. जयराम, संजय चौहान,अजय पाल सिंह, आत्माराम जोशी, हरिशंकर झा, बबल यादव, व राजेश शर्मा सहित देवराज खुटे, सुनील नाग, इंद्र बंजारे, भंडारी राजू कोशले, राजेश चंदेल, व्ही. दूधी, पार्षद राजपाल कसेर, सुखदेव राम मेश्राम, निर्मल चंदेल, वीरेंद्र बहुते एवं बड़ी संख्या में सतनामी समाज के सदस्य उपस्थित रहे।

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