बैतूल। ग्राम सलैया की सिद्धि विनायक कॉलोनी में बड़े स्तर पर जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। कॉलोनी के निवासियों और समाजसेवी राजेश रजने ने कलेक्टर को आवेदन देकर कालोनाइजर और भूमि मालिक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें फर्जी रजिस्ट्री, टीएनसीपी लेआउट से छेड़छाड़, बंधक प्लॉट की अवैध बिक्री और आदिवासी भूमि को कॉलोनी के रास्ते में तब्दील करने जैसे मामले शामिल हैं।
फर्जी रजिस्ट्री और अवैध बिक्री का खेल
समाजसेवी राजेश रजने ने बताया कि ग्राम सलैया में कृषक सुशीला बरकुर और कालोनाइजर राजा राजपूत ने मिलकर खसरा संख्या 82/01 की जमीन पर छोटे-छोटे प्लॉट 1250 स्कवेर फिट अवैध रूप से बेचे। वर्ष 2015 में एसडीएम ने इस कॉलोनी को प्रबंधन में दर्ज किया था, लेकिन 2016 में बिना किसी विकास कार्य के इसे प्रबंधन मुक्त कर दिया गया। इसके बाद कृषि भूमि के प्लॉट्स को टीएनसीपी बताकर अवैध रूप से बेचा गया। कॉलोनी में विश्वनाथ वर्मा, राजू सिंदोलिया, प्रीति संतोष जोठे, राजा जाटव, और सतीश मालवी सहित कई लोगों को 1000 वर्गफुट के कृषि प्लॉट बेच दिए गए, जो असल में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षित थे। राजेश रजने का आरोप है कि खरीदारों को ठगा गया और उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली गई।
विकास कार्यों का अभाव, सुरक्षा में सेंध
कॉलोनी में 10 साल बाद भी बुनियादी सुविधाएं जैसे पीने का पानी, सीवेज, रोड और गार्डन उपलब्ध नहीं कराए गए। 25 अक्टूबर 2024 को सुभाष बुआडे के घर चोरी की घटना ने कॉलोनीवासियों में दहशत फैला दी है। राजेश रजने ने यह भी आरोप लगाया कि बंधक रखे गए प्लॉट्स को फर्जी तरीके से बेच दिया गया। आदिवासी प्लॉट को कॉलोनी के मुख्य रास्ते के रूप में दर्शाने का मामला भी उजागर हुआ है। पटवारी नाथूलाल अंबूलकर पर भी बिना निरीक्षण के नामांतरण कराने और पैसे लेकर नियमों की अनदेखी करने का आरोप है। निवासियों का कहना है कि कालोनाइजर, भूमि मालिक और पटवारी की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी हुई। कॉलोनीवासी और राजेश रजने ने कलेक्टर से मांग की है कि धोखाधड़ी करने वाले कालोनाइजर, भूमि मालिक और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, निवासियों को उनका अधिकार और सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाएं।