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खंडवा के प्राचीन विट्ठल मंदिर में दीपावली पर हुई प्रातः काल महक आंकड़ा आरती बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया भाग,

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जिला संवादाता-तनीश गुप्ता

खंडवा।। पवित्र कार्तिक मास की अमावस्या दीपावली के पावन अवसर पर 150 वर्ष प्राचीन विट्ठल मंदिर में भगवान विट्ठल एवं रूकमांई माता के अभिषेक एवं आकर्षक श्रृंगार के पश्चात महा काकड़ा आरती की गई, विट्ठल मंदिर की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि घंटाघर, बजरंग चौक के पास लगभग डेढ़ सौ वर्ष प्राचीन विट्ठल मंदिर स्थापित है,इस मंदिर में कार्तिक मास में प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे काकड़ा आरती करने सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, यह काकड़ा आरती 150 वर्षो से रोज सुबह होती है। कार्तिक मास के दौरान इस काकड़ा आरती का विशेष महत्व है, सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मातृशक्ति सुबह 6.30 बजे विट्ठल मंदिर में काकड़ा आरती करने पहुंच रही हें, कार्तिक मास के दौरान काकड़ा आरती के बाद महिलाओं के भजन एवं भजन के बाद कार्तिक मास की पोथी का वाचन भी हो रहा है। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि कार्तिक महीना कई मायनों में उर्जा प्रदान करने वाला है। बस कुछ कार्यों से इस महीने को अपने विकास को तीव्र गति दे सकते हैं। खासकर आध्यात्मिक ऊर्जा इसमें सूर्य की किरणों एवं चन्द्र किरणों का पृथ्वी पर पड़ने वाला प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। इसलिए शास्त्रों में कार्तिक स्नान और कथा श्रवण महात्म्य पर विशेष जोर दिया गया है।
तु़लसी का महत्व मंदिर के पुजारी राम, श्याम आष्टेकर ने बताया कि इस महीने में तुलसी पूजा का महत्व अत्याधिक है, इसके पत्ते पंचामृत में डालने पर एवं भगवान का अभिषेक करने पर चरणामृत बन जाता है। देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक छह माह तुलसी की विशेष पूजा होती है। कार्तिक में तो इनका अत्याधिक महत्व बढ़ जाता है। इसलिए कार्तिक स्नान के साथ तुलसी के पौधे के पास जो लोग कार्तिक महात्म्य सुनते हैं उनके घरों में सुख शांति रहती है।

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