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अकीदत के साथ अदा की ईद-उल-अजहा की नमाज 

ईद-उल-अजहा पर ईदगाह और मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोगों ने अकीदत के साथ नमाज अदा की। मुल्क में खुशहाली और अमन की दुआ मांगी गई। इसके बाद लोगों ने अपने अपने घरों में पहुंचकर कुर्बानी दी।

कस्बा पिहानी के करावा रोड स्थित ईदगाह पर नमाज पढ़ने के लिए लोग सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। मौलाना उस्मान गनी की सरपरस्ती में ईद की नमाज अदा कराई। कटरा बाजार जामा मस्जिद में मौलाना सुलेमान, शिया जामा मस्जिद में मौलाना फरमान अली ने नमाज अदा कराई।नमाज के बाद देश में खुशहाली और अमन की दुआ मांगी गई। तकरीर में मौलाना उस्मान गनी ने कहा कि कुर्बानी का मकसद अपने रब के हुक्म इस हद तक मानना है कि हमें उनकी इबादत में अगर अपनी कुर्बानी भी देने पड़ी तो देनी चाहिए। अल्लाह हम सबसे बहुत मुहब्बत करते हैं, हमें रब के बताए उसूलों पर चलना चाहिए। इस्लाम इंसानियत का पैगाम देता है, लिहाजा एक अच्छा इंसान बनकर अपने कर्तव्य को पूरा करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति से ही अल्लाह भी खुश होता है। कुर्बानी के मायने खुदा को राजी करना है, न कि दिखावा करना। ईदगाह में मौलाना ने फरमाया किहमें एक-दूसरे के काम आना चाहिए और दिखावे से बचना चाहिए। वहीं शिया जामा मस्जिद में मौलाना फरमान अली ने कहा कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। दूसरों की मदद करना भी खुदा की इबादत है। कुर्बानी के बाद ऐसा कोई काम न करें, जिससे किसी दूसरे धर्म के लोगों के जज्बात को ठेस पहुंचे। इस्लाम में दूसरों को तकलीफ पहुंचाना बड़ा गुनाह माना गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कुर्बानी की वीडियो और फोटो अपलोड न करने की अपील की। इनके अलावा ग्रामीण इलाकोंकी सभी मस्जिदों में नमाज अदा की गई है।

ईद-उल-अजहा को लेकर बच्चों में भारी उत्साह नजर आया। वह अपने अभिभावकों के साथ सज-धजकर ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए पहुंचे।

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