
ग्वालियर। लोकसभा के चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के बाद बाद एग्जिट पोल के रुझान सामने आ गये हैं। इन रुझानों में कांग्रेस को पूरे प्रदेश में एक से दो सीटें जीतने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस को भरोसा है कि उसकी उम्मीद ग्वालियर-चंबल से पूरी हो सकती है। उसे पहले छिंदवाड़ा से बहुत उम्मीद थी, लेकिन वहां मुकाबला काफी टक्कर होने के बाद कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है। इसकी एक वजह छह माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी और मुकाबला बराबरी का रहा था यह सीट कौन सी हो सकती है, उसके बारे में कांग्रेस नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान ने बुजुर्ग नेताओं से प्रदेश कांग्रेस की कमान छीनकर युवाओं के हाथ सौंप दी। कांग्रेस की यूथ बिग्रेड ने टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार में प्रमुख भूमिका निभाई। एग्जिट पोल के रुझान से संकेत साफ नजर आ रहे है कि बिग्रेड भी मतदाताओं मानस को बदलने में नाकाम रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं कि अंचल ही इस बार कांग्रेस की यूथ बिग्रेड को शर्मनाक हार से बचा सकता है। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि एग्जिट पोल(पूर्वानुमानों) पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। कई बार पूर्वानुमान फेल भी हुए हैं। सही स्थिति मतगणना के बाद ही सामने आयेगी और अंचल में तो कांग्रेस को अच्छे प्रतिसाद मिलने की पूरी उम्मीद है।
हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अंचल की चारों सीटों पर कब्जा किया था। जबकि 2019 के पहले के तीन चुनावों में भाजपा के खाते में तीन और कांग्रेस के खाते में एक सीट जाती रही है। एग्जिट पोल के बाद सबकी नजरें मतगणना पर टिकी हुईं हैं।