सन 2021 से अब तक तृतीय सोपान उत्तीर्ण प्रमाण पत्र भारत स्काउट और गाइड के छुपाए बैठे थे, कौन पदाधिकारी?
विभागीय जांच एवं कानूनी कार्यवाही की मांग
अलीगढ़ (शिवानी जैन एडवोकेट की रिपोर्ट)मां सरस्वती गाइड कंपनी स्वतंत्र भारत स्काउट गाइड जिला अलीगढ़ की गाइड कैप्टन डॉ कंचन जैन ने कहा कि तृतीय सोपान उत्तीर्ण गाइड्स को सन 2021 के प्रमाण पत्र प्रादेशिक मुख्यालय लखनऊ के हस्तक्षेप के बाद सन 2024 में प्राप्त हुए। गाइड कैप्टन एवं गाइड्स का यह कहना है कि ना ही कोई प्रशिक्षण करने दिया जा रहा है। यहां तक की हम राज्यपाल पुरस्कार में प्रतिभाग भी नहीं कर सकते। भारत स्काउट और गाइड के सभी उच्च अधिकारी गणों को प्रार्थना पत्र दिए गए हैं। मगर कोई भी जांच एवं कार्यवाही नहीं की जा रही है। भारत स्काउट और गाइड जिला कार्यालय जिला अलीगढ़ में किस पदाधिकारी द्वारा प्रमाण पत्रों को छुपा कर रखा गया।
किस दुर्भावना एवं किस दूरुउद्देश्य से ऐसा किया गया। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
उन पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत स्काउट और गाइड जिला अलीगढ़ में सन 2018 से एवं सन 2021 से अब तक फर्जी नियुक्ति प्रकरण में भी कोई जांच नहीं की गई है। तीनों सरकारी प्रधानाचार्य श्री अंबुज जैन प्रधानाचार्य बाबूलाल जैन इंटर कॉलेज अलीगढ़, डॉक्टर इंदू सिंह प्रधानाचार्य टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज अलीगढ़, प्रधानाचार्य श्री डालेश कांकरान प्रधानाचार्य तलेसरा इंटर कॉलेज तलेसरा की तानाशाही के कारण सभी जांचें ठंडे बस्ते में है।
क्योंकि तीनों सरकारी प्रधानाचार्य फर्जी नियुक्ति प्रकरण में लिप्त है।
जब जिला सचिव श्री डालेश कांकरान द्वारा माननीय राज्य सूचना आयोग के आदेश पर दिनांक 14 जनवरी 2024 में यह लिखित में दिया गया कि जिला संगठन आयुक्त एवं जिला प्रशिक्षण आयुक्त का कार्यालय में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, न ही नियुक्ति पत्र एवं न ही अधिकार पत्र का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध है।
तो फिर सन 2018 से एवं सन 2021 से अब तक किसके आदेश से उपरोक्त पदों पर सरकारी प्रधानाचार्य एवं सरकारी प्रवक्ता सहायक अध्यापक कार्य कर रहे हैं। यानी कि फर्जी नियुक्ति पत्रों के सहारे कर रहे हैं। प्राइवेट एनजीओ भारत स्काउट और गाइड के नाम पर सरकारी रिलीविंग एवं सरकारी सुविधाएं धड़ल्ले से ले रहे हैं।
बच्चों के साथ हो रहे भविष्य के साथ खिलवाड़ की जांच कर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन पदाधिकारीयों के नाम भी उजागर करें, जो 3 वर्ष से प्रमाण पत्रों को छुपाए बैठे हैं।