पंजाब कांग्रेस को उस समय मजबूती मिली जब लुधियाना के होटल कारोबारी और एनआरआई पूर्व विधायक जसबीर सिंह जस्सी खंगूड़ा ने एक बार फिर झाड़ू छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
वह कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज होकर 2022 में आप में शामिल हो गए थे। करीब दो सप्ताह पहले उन्होंने आप से भी इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। मगर उन्होंने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल के साथ मुलाकात कर पंजाब कांग्रेस प्रभारी दविंदर यादव की अगुवाई में फिर से कांग्रेस में वापसी की। वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि जस्सी खंगूड़ा के दोबारा पार्टी में आने से पार्टी मजबूत होगी और लुधियाना लोकसभा इलाके से चुनाव लड़ने वाले पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को मजबूती मिलेगी।
ब्रिटिश सिटीजन रहे होटल कारोबारी जस्सी खंगूड़ा राजनीति में उतरने के बाद पहली बार 2007 से किलारायपुर विधानसभा हल्के से मैदान में उतरे थे और जीत दर्ज की थी। जिसके बाद वह 2017 में हार गए और 2022 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद जस्सी खंगूड़ा आप में चले गए। लुधियाना लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक जस्सी खंगूड़ा भी थे। पार्टी ने जस्सी पर भरोसा जताने के बजाय मौजूदा विधायक अशोक पराशर पप्पी को टिकट दे दिया था। जिसके चलते जस्सी पार्टी से नाराज चल रहे थे। जस्सी खंगूड़ा कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकियों में गिने जाते थे। उनके पिता जगपाल सिंह खंगूड़ा भी कांग्रेस से जुड़े रहे।