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एक सपना जो शहीद धर्माराम जी ने देखा था,आखिर वो आज पूर्ण हुआ। 

शहीद धर्माराम अमर रहे - त्रिलोक न्युज

बाड़मेर, राजस्थान :-

रिपोर्टर – श्रीराम बेनीवाल बाड़मेर, (त्रिलोक न्युज)

एक सपना जो शहीद धर्माराम जी ने देखा था,आखिर वो आज पूर्ण हुआ। 

जब इस मांग को शुरू किया था कुछ लोगों ने कहा था कि ऐसा होना सम्भव नहीं हैं,अध्यापिका की नियुक्ति नहीं मिल सकती,आप दूसरी नोकरी जॉइन कर सकते हो।

कई बार फाइलें चली, नोकरी भी ऑफर की गई मगर टीमू देवी जी ने कहा मैं लूंगी तो अध्यापिका की ही।

जिद्द और संघर्ष हमेशा जीतता हैं ऐसा सुना था अगर आज वाकई में जीतते देखा भी।

सफर इतना आसान नहीं था,तत्कालीन चौहटन विधायक तरुण राय कागा के वक्त शुरू हुई प्रक्रिया थोड़ी सी गति पकड़पाई थी कि सरकार परिवर्तित हो गई और फाइल भी ठंडे बस्ते में चली गई।

फिर प्रयास शुरू हुए दिसंबर 2022 में एक बार फिर उम्मीद जगी और पत्रों का आदान-प्रदान हुआ मगर तय नियमों के मुताबिक ऐसा करना मुमकिन नहीं था।

कार्मिक विभाग से शिथिलता की जरूरत थी।

करीब एक साल बाद सरकार परिवर्तित हुई, सैनिक कल्याण बोर्ड भी सक्रिय हुआ।

फाइल बीकानेर बोर्ड को भेजी गई,मगर वहाँ जाकर स्थिर हो गई।

मगर कहा जाता है न कि अपने तो अपने होते हैं,अपने अपनों का साथ दे तो रुका काम भी गति पकड़ लेता है।

हुआ भी कुछ ऐसा ही प्रधानाध्यापक तिलोकाराम जी सियाग से सम्पर्क हुआ उनके ध्यान में पूरा मैटर लाया गया और अपने तारातरा के जाए जन्में RAS जयदेव जी सियाग से तिलोकाराम जी ने सम्पर्क किया,उन्हें इस मामले में सहयोग हेतु निवेदन किया,उन्होंने पूरा विश्वास दिलाया और कहा कि यह काम अब केवल आपका ही नहीं मेरा भी हैं,मैं यहाँ से फाइल तुरंत अग्रिम कार्यवाही हेतु भिजवा दूंगा।

बोर्ड निदेशक सीताराम जी के मार्फ़त यह फ़ाइल जल्द कार्मिक विभाग को शिथिलता हेतु फॉरवर्ड करवा दी गई।

कार्मिक विभाग में फिर रुक गई,अब इस काम हेतु राजनैतिक सत्ताधारी ताकत की जरूरत थी।

इस हेतु तिलोकाराम जी और टीमू देवी जी अपने विधायक आदूराम जी से मिलकर आगे की कार्यवाही हेतु रिक्वेस्ट की,इस दौरान कैलाश जी पूर्व केंद्रीय मंत्री से भी इस मामले में सहयोग करने को कहा।

कैलाश जी ने कहा मैं और आदूराम जी इस काम को तो अगले सप्ताह में ही जयपुर जाकर करवा देंगे और वाकई में दोनों ने जयपुर जाकर शिक्षामंत्री जी से बात करी और इस प्रकरण के साथ अन्य जिलों के प्रकरण को भी किलियर करवा सैनिकों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया।

फिर फाइल बीकानेर पहुंचती हैं तो साथ ही तिलोकाराम जी का कॉल भी जयदेव जी को पहुंच जाता हैं,तिलोकाराम जी और जयदेव जी के प्रयासों से फाइल अब सेमीफाइनल मुकाम पर जिला परिषद बाड़मेर आ जाती हैं।

यहाँ अब काम जिला प्रमुख साहब की महत्वपूर्ण भूमिका में होना था,हालांकि प्रमुख साहब और सीओ साहब से तिलोकाराम जी का पूर्व में भी इस मामले को लेकर मुलाकातों का सिलसिला लगातार जारी था।

प्रमुख साहब ने निज काम समझकर हरसंभव हेल्प की थी।

आदेश पहुँचते ही प्रमुख साहब ने मीटिंग बुलाई और नियुक्ति हेतु आदेश का अनुमोदन किया।

अंततः आज नियुक्ति पत्र आज आदूराम जी ने टीमुदेवी जी को सुपुर्द कर दिया और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय घोनरी नाड़ी में बतौर अध्यापिका( L-2 हिंदी ) जॉइनिंग कर ली।

और सबसे बेहतरीन बात यह कि तिलोकाराम जी आज भी उनकी जॉइनिंग के वक्त साथ मौजूद रहे।

साथ और सहयोग तो कई लोह करते हैं मगर जो अंततः कार्य के अंतिम मुकाम पर साथ खड़ा रहे वास्तव में दिल से की गई मेहनत का परिचय वही पल देता हैं।

पुनः जिन्होंने भी इस करीब 7 साल के सफर में इस कार्य में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया हैं,सभी धन्यवाद-अनुमोदना के हकदार है।

जय हिंद जय भारत।

शहीद धर्माराम अमर रहे।

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