कौशिक नाग-कोलकाताऔर नियुक्ति घोटाला बन गया बंगाल में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा, कोर्ट के फैसले ने सीएम ममता के लिए खड़ी कर दी नई मुसीबत बंगाल में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में तीन सीटों पर मतदान हो चुका है। इन सीटों पर कई मुद्दे भाजपा तृणमूल और वामदलों ने उठाए थे। रविवार तक ऐसा लग रहा था कि संदेशखाली सीएए एनआरसी सौ दिनों की रोजगार योजना का फंड रोके जाने जैसे मुद्दे अधिक उठ रहे हैं उनकी तुलना में शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले को अधिक मुद्दा नहीं बनाया जा रहा है। लोगों के बीच इसे लेकर चर्चा तो हो रही थी, लेकिन अन्य मुद्दों से कम। परंतु सोमवार को जैसे ही कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला आया, इसके बाद यह बंगाल में सबसे बड़ा मुद्दा और चर्चा का विषय बन गया है।अभी उनतालीस सीटों पर मतदान बाकी है। इसके साथ मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इस भर्ती घोटाले में नौकरी गंवाने वाले सर्वाधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। एक दो हजार नहीं, एक झटके में 25,753 लोगों की नौकरियां चली गई हैं। यही नहीं, जिन लोगों को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पैनल की समय सीमा समाप्त होने के बाद नियुक्ति मिली हैं, उन्हें चार सप्ताह के भीतर ब्याज सहित अपना वेतन लौटाने को कहा गया है।
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