
बदायूं लोकसभा सीट का टिकेट काफी दिनों से डामाडोल होता दिख रहा है यह सीट सपा की पारिवारिक सीट भी कही जाती है इस सीट पर अधिकतर सपा का ही कब्जा रहता है
सांसद धर्मेंद्र यादव दो बार इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं लेकिन उनका भी टिकट कटा और उनकी जगह चाचा शिवपाल को बदायूं का सपा प्रत्याशी बनाया गया जिसके चलते जनता में बहुत विरोध रहा लेकिन धर्मेंद्र यादव के समझाने पर जनता ने चाचा शिवपाल यादव को अपना सपा का प्रत्याशी मान लिया लेकिन चाचा शिवपाल जनता के बीच अपना असर छोड़ने में कमज़ोर से दिखे लेकिन बहुत कम समय में चाचा के बेटे आदित्य यादव ने बदायूं के लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली यहां तक की जनता अब आदित्य यादव को ज्यादा पसंद भी करती है इसलिए बदायूं की जनता अब चाहती है कि चाचा की जगह उनके बेटे आदित्य यादव को सपा का प्रत्याशी बनाया जाए यह मांग सपा कार्यकर्ताओं ने सपा के बड़े-बड़े नेताओं से मंच के माध्यम से की
सपा के नेताओं का कहना है कि जनता की मांग को हम राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे लेकिन आखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा कि चाचा शिवपाल यादव प्रत्याशी होते हैं या आदित्य यादव