12 वर्षीय बालक की मृत्यु से संबंधित प्रकरण में महत्वपूर्ण न्यायिक प्रगति सामने आई है। आरोपी महिला द्वारा दायर याचिका पर आज माननीय न्यायालय ने विस्तृत सुनवाई के उपरांत निर्णय सुनाया। न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों, केस डायरी, तथा पक्षकारों की दलीलों पर विचार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
यह मामला संवेदनशील परिस्थितियों में दर्ज किया गया था, जिसमें मृतक बालक के परिजनों द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए थे। मामले में जाति-आधारित उत्पीड़न से जुड़े आरोप भी सामने आए थे, जिनकी जांच वर्तमान में विधिक प्रावधानों के अनुसार चल रही है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जांच को निष्पक्षता, तटस्थता और विधिसम्मत प्रक्रिया के अनुरूप जारी रखा जाए।
जांच की वर्तमान स्थिति
जांच अधिकारी द्वारा अब तक उपलब्ध साक्ष्यों का संकलन किया जा चुका है।
कुछ महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और शेष गवाहों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और संबंधित तकनीकी/वैज्ञानिक रिपोर्टों को केस फाइल में संलग्न किया जा चुका है।
आगे की कार्रवाई के लिए विशेषज्ञ राय प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है।
माननीय न्यायालय ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच टीम को निर्देशित किया गया है कि वे:
सभी साक्ष्यों का गहन परीक्षण करें,
आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पूछताछ करें,
समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
चूँकि मामला सामाजिक रूप से भी संवेदनशील है, इसलिए आमजन एवं मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे अफवाहों अथवा अपुष्ट सूचनाओं के प्रसार से बचें।
विभाग/पुलिस प्रबंधन केवल प्रमाणित और सत्यापित जानकारी ही सार्वजनिक करेगा। किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना कानूनी कार्रवाई का विषय हो सकती है।
