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रायगढ़ – सड़क हादसों के खिलाफ उबलता जनाक्रोश धौराभांठा-खुरुसलेंगा-बिजना-लमडांड़ खास प्रभावित।

तमनार - कहते हैं सड़क आवागमन का जरिया हैं,इनसे यातायात और पथ सुगम होते हैं,आपाधापी में सड़क सही हो तो आपके समय बचेंगे परंतु यदि आप हमीरपुर बार्डर से धौराभांठा की ओर जा रहे तो सहम जाएं क्योंकि ये सड़क सीधे यमराज के द्वार तक जुड़े हैं ।

सड़क हादसों के खिलाफ उबलता जनाक्रोश

धौराभांठा-खुरुसलेंगा-बिजना-लमडांड़ खास प्रभावित

त्रिलोक न्यूज जिला रायगढ़ संवाददाता – रमेश चौहान 

कहते हैं सड़क आवागमन का जरिया हैं,इनसे यातायात और पथ सुगम होते हैं,आपाधापी में सड़क सही हो तो आपके समय बचेंगे परंतु यदि आप हमीरपुर बार्डर से धौराभांठा की ओर जा रहे तो सहम जाएं क्योंकि ये सड़क सीधे यमराज के द्वार तक जुड़े हैं । कल ही इस सड़क ने एक वृद्धा के ऊपर पैर खा गये इससे पहले दीवाली के समय धौराभांठा के एक युवा की दर्दनाक मृत्यु हो चुकी है आए दिन लोगों के लिए मृत्यु का करण बने ये सड़क स्वयं कफ़न ओढ़े आपके राह देख रहे हैं ,इसको क्रमवार समझें- 

१.भारी वाहनों से लदे सड़क

कंपनियों के कोल ट्रांसपोर्ट के लिए यहां हजारों भारी वाहन दौड़ते हैं लगता है सड़क इंसानों के लिए नहीं केवल वाहनों के लिए बनाए गये हैं ,आपको दो ट्रकों के बीच से गुजरना हो और सड़क सिर्फ दो ट्रकों के लिए बनाए गये हों तो कल्पना करिए।

२.सड़क गांवों के बीच बने

ये सड़क गांवों के बीच बने हैं जिससे ग्रामीण जनों का आवागमन नहीं दिनचर्या जुड़ा हुआ है । पहले ये विकास के नाम पर बनाए गये थे पर ये काल के द्वार तक जाएंगे अंदाजा नहीं था ।

३.स्कूली बच्चों का यही मार्ग

विद्या अध्ययन के लिए देश के भविष्य जिस राह में चलते हैं वो रास्ता ही मृत्यु कारक हो तो कल्पना करिए देश का भविष्य किस हद तक सुरक्षित है ।

४.यातायात विभाग मूक दर्शक

सड़क हादसों की संख्या और बनते मृत्युप्रमाण पत्र क्या यातायात विभाग को जागरूक करने काफी नहीं? गत 17 जून को इसके लिए आंदोलन करके अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया था पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

५.जन नेताओं की अनदेखी

चुने प्रत्याशियों ने चुनावी वादे कर इसके समाधान का आश्वासन दिया था पर सारे मूक दर्शक निकले । इसके विपरित लोगों के बीच ऐसी आशंका है कि इन्हें कंपनियों से एक नियत राशि मिलती है जिसपर सबका एक हिस्सा जुड़ा हुआ है जिसके कारण अब तक किसी ने कोई जागरूकता नहीं दिखाई है ।

६.राजनीतिक अफसरशाही

न पुलिस न यातायात न राजनीति किसी ने भी इस पर अब तक कार्यवाही नहीं की है न ही जागरुकता दिखाई है और सभी ने जनता को सड़क पर छोड़ दिया है इन भारी वाहनों के नीचे कुचले जाने के लिए ।ऐसे बहुत से कारण है जिसके लिए सभी प्रभावित ग्रामवासियों में जनाक्रोश उबलता जा रहा । ग्रामीण भारी वाहनों के लिए एक अन्य मार्ग की मांग के साथ भारी वाहनों की जमावट को दूर करने सड़कों को सर्वसुविधायुक्त करने के लिए प्रशासन से अपेक्षा रखते हैं ।

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