
अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले में नशा मुक्ति पखवाड़ा के अंतर्गत जीपीएम पुलिस द्वारा जिले भर में एक संगठित और समर्पित जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर युवाओं को नशे की लत और उसके गंभीर दुष्परिणामों से अवगत कराना तथा समाज को नशामुक्त दिशा की ओर प्रेरित करना था।
इस अभियान का संचालन जिले की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स इकाई के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ओम चंदेल के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रमों की निगरानी और समन्वय की जिम्मेदारी अनुविभागीय पुलिस अधिकारी श्री दीपक मिश्रा (मरवाही) तथा उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमति निकिता तिवारी मिश्रा ने निभाई। जिले के सभी थाना प्रभारियों – मरवाही, गौरेला एवं पेंड्रा – और उनकी टीमों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पूरे उत्साह और समर्पण के साथ भागीदारी निभाई।
पुलिस टीमों द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों जैसे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीकरकला, मरवाही आत्मानंद विद्यालय, और कुंजनबाई विद्यालय पेंड्रा में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में छात्रों को नशे के सामाजिक, मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया और उन्हें नशामुक्त जीवन की प्रेरणा दी गई।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को एक सामूहिक नशामुक्ति शपथ भी दिलाई गई:
> 💡 शपथ का संकल्प:
हम शपथ लेते हैं कि हम स्वयं किसी भी प्रकार के हानिकारक या अवैध नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे और नशे की बुराइयों को रोकने में सहयोग करेंगे। हम समाज में विशेषकर युवाओं को नशा मुक्त रहने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि वे रचनात्मक और समाज के महत्वपूर्ण सदस्य बनें।
सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित न रहकर, यह अभियान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के माध्यम से भी चलाया गया। जागरूकता संदेशों, वीडियो, और शपथ पोस्ट के जरिये हजारों लोगों तक यह अभियान पहुंचाया गया। नागरिकों ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर डिजिटल रूप से शपथ ली और स्वयं को नशा मुक्ति रजिस्टर में पंजीकृत भी किया, जो कि इस अभियान की अभूतपूर्व सफलता का प्रमाण है।
इसके अतिरिक्त, कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने स्थानीय पुलिस थानों का शैक्षणिक भ्रमण कर पुलिस की कार्यप्रणाली, शिकायत दर्ज प्रक्रिया, साइबर अपराध की रोकथाम और अपराध जांच से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इस संवाद के माध्यम से विद्यार्थियों को पुलिस की भूमिका और कानून व्यवस्था के महत्व को गहराई से समझने का अवसर मिला।
इस जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से जीपीएम पुलिस ने यह संदेश दिया कि नशे की लत से मुक्ति केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है। इस पहल से समाज में एक सकारात्मक चेतना और सक्रिय भागीदारी का वातावरण निर्मित हुआ है, जो आगे चलकर एक स्वस्थ, सशक्त और नशामुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।