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प्राचीन शनिदेव मंदिर में न्याय के देवता भगवान शनि देव का जन्मोत्सव धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया,

शनि जयंती पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन, पूजन, अभिषेक कर भंडारे में प्रसादी ग्रहण की,

प्राचीन शनिदेव मंदिर में न्याय के देवता भगवान शनि देव का जन्मोत्सव धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया,

शनि जयंती पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन, पूजन, अभिषेक कर भंडारे में प्रसादी ग्रहण की,

दोपहर में जन्म एवं रात्रि में महाआरती के साथ जन्मोत्सव पर बच्चों द्वारा केक भी काटा गया।

खंडवा ।। न्याय के देवता भगवान शनि देव का जन्म महोत्सव मंगलवार को धार्मिक उत्साह के साथ खंडवा के प्राचीन भवानी माता रोड स्थित शनि मंदिर में शनि जन्मोत्सव मनाया गया, इस प्राचीन शनि मंदिर को डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक हो चुके हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी शनि भक्त शर्मा परिवार भगवान शनि देव एवं मंदिर की पूजा अर्चना सुरक्षा कर रहे हैं। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि मंगलवार को शनि मंदिर में जन्मोत्सव के साथ विशाल भंडारे का आयोजन भी संपन्न हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान शनि देव के दर्शन अभिषेक कर प्रसादी ग्रहण की शनि जयंती पर मंगलवार को प्रातः 5:00 बजे से शनि उत्सव प्रारंभ प्रारंभ हुआ, श्रद्धालुओ ने दर्शन पूजन के साथ अपने हाथों से अपने परिवार एवं सभी के कल्याण के लिए शनि देव भगवान की प्राचीन प्रतिमा पर तेल से अभिषेक किया। सुबह 5:00 से शाम 4:00 बजे तक प्राचीन शनि देव की प्रतिमा पर तेल से अभिषेक श्रद्धालु द्वारा किया गया इस बीच दोपहर 12:30 बजे मंदिर के पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा शनि देव की जन्मोत्सव की आरती कर भगवान को भोग लगाया। शनि जयंती पर दोपहर 1:00 बजे से मंदिर प्रांगण में भंडारे का आयोजन भी आयोजित हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन पश्चात भोजन प्रसादी ग्रहण की मंदिर के पुजारी घनश्याम शर्मा ने बताया कि शनी जन्म महोत्सव पर श्रद्धालुओं के साथ ही जिन राशि वाले श्रद्धालुओं को शनि की महादशा, अंतर, परंतर, साडेसाती, अढैया व राहु केतु दशा अशुभ चल रही थी उन परिवार बालों ने शनि मंदिर पहुंचकर अपने स्वयं के कल्याण हेतु दर्शन कर शनि देव का तेल से स्नान अभिषेक कर काली तिल्ली, उड़द, नैवेद प्रसाद, दक्षिणा चढाकर अपने परिवार के कल्याण की कामना की। मंगलवार को दिनभर शनि महोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया शाम 7:30 बजे जन्मोत्सव पर बच्चों द्वारा केक भी काटा गया एवं रात्रि 8:00 बजे महा आरती का आयोजन भी संपन्न हुआ। शनि मंदिर में जन्मोत्सव एवं भंडारे का संचालन दिनकर देशमुख द्वारा किया गया।

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