
*ऊर्जा संरक्षण के लिए निगम द्वारा विद्युत उपकरणों की कराई जाएगी एनर्जी ऑडिट*
खण्डवा//
सभी नगरी निकायों में जल प्रदाय योजना, जल शोधन संयंत्र, जल पंपिंग स्टेशनों में विद्युत उपकरणों का उपयोग होता है। विद्युत संरक्षण के उपाय से इन कार्यों में लगे विद्युत उपकरणों की विद्युत खपत में कमी की जा सकती है। विद्युत संरक्षण से निकाय की विद्युत खपत में कमी लाकर विद्युत के बिलों में कमी की जा सकती है। इस उद्देश्य से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल द्वारा सभी नगरी निकायों को एनर्जी ऑडिट करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिसके परिपालन में नगर निगम खंडवा द्वारा भी मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अधिकृत एनर्जी ऑडिटर से एनर्जी ऑडिट कराने का कार्य प्रारंभ कराया गया है। इसके अंतर्गत निकाय के सभी उच्च दाब विद्युत कनेक्शन, सुक्ता, चारखेड़ा एवं सर्किट हाउस के पंपिंग स्टेशन, ट्रांसफार्मर, पाइपलाइन तथा निम्न दाब के सभी कनेक्शन जैसे- स्ट्रीट लाइट, कार्यालय भवन, ऑडिटोरियम, इनडोर स्टेडियम तथा जल प्रदाय के सभी ट्यूबवेल फिल्टर प्लांट आदि का तकनीकी उपकरणों के माध्यम से एनर्जी ऑडिट प्रारंभ किया गया है। नगर निगम के विभिन्न 513 विद्युत संयोजनों के लिए यह कार्य प्रारंभ किया गया है। ऑडिट रिपोर्ट से प्राप्त सुझावों के आधार पर विद्युत खपत कम करने के लिए निगम द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जिससे विद्युत की खपत में कमी लाई जा सकती है। साथ ही निगम को मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी को जो प्रतिमाह लगभग 1.25 करोड़ का विद्युत बिलों का भुगतान करना होता है, उसमें बचत की जा सकती है। एनर्जी ऑडिट से नगर निगम को अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने में आसानी होगी। माननीय महापौर श्रीमती अमृता अमर यादव द्वारा समीक्षा बैठक में एनर्जी ऑडिट कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। निगम ऊर्जा संरक्षण की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है।