
२)सन २०१६ में ठाणे महानगर पालिका क्षेत्र में सर्वेक्षण हुआ।
३) २२ जुलाई २०१९ को प्रभाग समिति निहाय सर्वेक्षण करने का फैसला हुआ।फिर दीवा प्रभाग समिति ने आखिर क्यों नहीं किया।
४) दिवा प्रभाग समिति में २८ अगस्त से ३१ अगस्त को फेरीवालों का सर्वे आखिर क्यों नहीं किया।
४)३१ दिसंबर फेरीवाले उपजीविका कायदे से सर्वेक्षण आखिर दीवा प्रभाग समिति ने क्यों नहीं किया।
५)) ठाणे महानगर पालिका ने आदेश देकर भी दीवा प्रभाग समिति ने ६ दिसम्बर २०२४ रस्तों का सर्वेक्षण फेरीवाला समिति सदस्य कार्यकारिणी क्यों नहीं की।
६)आखिर दीवा प्रभाग समिति क्या चाहती है।क्यों फेरीवालों के साथ अन्याय हो रहा है।
७) दीवा में ३ हजार से अधिक फेरीवाले है इनसे ५० रुपए लेने वाला कोण है।माफिया राज बंद करो।
८)हफ्ता वसूली बंद करो फेरी वालों को जगह दो।
९)फेरीवालों का सर्वे न होना उन्हें जगह न मिलना इसके पीछे कोण है।
१०)एक दिन का ३०००x५० = १५००००
महीने का ४५ लाख
१ )ये बंद होगा तभी फेरीवालों को जगह मिलेगी रस्ते फेरीवाले मुक्त होगे।आम इंसान को न्याय मिलेगा।
१२)दीवा प्रभाग समिति भी कम नहीं है।प्रति दिन ३० रूपये कही २० रुपए।लेती है।
३० के हिसाब से।
३०× ३०००=९०००० नब्बे हजार एक दिन का
एक महीने का २७ लाख
एक साल का ३ कोटि २४ लाख
पांच साल का १६ कोटि बीस लाख
यही वजह है जो दीवा के फेरीवालों का सर्वे नहीं होता।उन्हें जगह नहीं मिलती।आखिर फेरीवालों को जगह मिली तो नुकसान इनका होता है फिर जगह कैसे मिलेगी।फेरीवाले कैसे हटेंगे।इसका जवाब किसके पास है।