रायगढ़

रायगढ़। घरघोड़ा नपं में उपाध्यक्ष हार के बाद भाजपा में चला अनुशासन का डंडा, विश्वासघाती श्याम भोजवानी और अनिल लकड़ा 6 साल के लिए निष्काषित।

भाजपा घरघोड़ा में बहुमत रखने के बाद भी गद्दारों के क्रास वोटिंग नही बना पाई उपाध्यक्ष, अध्यक्ष पद में भी हुई है हार।

त्रिलोक न्यूज जिला रायगढ़ संवाददाता- रमेश चौहान 

घरघोड़ा नपं में उपाध्यक्ष हार के बाद भाजपा में चला अनुशासन का डंडा, विश्वासघाती श्याम भोजवानी और अनिल लकड़ा 6 साल के लिए निष्काषित

भाजपा घरघोड़ा में बहुमत रखने के बाद भी गद्दारों के क्रास वोटिंग नही बना पाई उपाध्यक्ष, अध्यक्ष पद में भी हुई है हार

 

रायगढ़।

घरघोड़ा नगर पंचायत में अध्यक्ष चुनाव हारने के बाद बहुमत का आंकड़ा रखने के बावजूद भाजपा को अपने ही पार्टी के पार्षदों के गद्दारी से क्रास वोटिंग के चलते उपाध्यक्ष पद भी गवाना पड़ गया। इस गद्दारी से जिला भाजपा से लेकर प्रदेश भाजपा में खलबली में जाकर रख दिया जिसमें प्रदेश भाजपा ने अनुशासन की कार्रवाई का डंडा चलाते हुए दो गद्दार पार्षदों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासन कर दिया है।

रायगढ़ जिले में बहुत चर्चित नगर पंचायत के रूप में घरघोड़ा का नाम शामिल है घरघोड़ा नगर पंचायत कोयला खदान के बीच घिरा होने के चलते हीरे की तर्ज पर प्रदेश में चमकता है। भाजपा कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने के लिए शुरुआत से ही यह एड़ी चोटी का दमखम लागत आई है। इस बीच निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा को यहां तगड़ा झटका निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस से बागी होकर लड़ने वाले सुरेंद्र सिल्लू चौधरी ने दिया। वही पार्षदों की बहुमत संख्या नगर पंचायत में भाजपा के पास थी, यह संख्या उपाध्यक्ष बनने के लिए काफी था परंतु बीजेपी के भीतर रहकर ही गद्दारी करने वाले गद्दार पार्षदों के चलते भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा और क्रॉस वोटिंग के चलते अल्पमत वाली कांग्रेस को बहुमत मिल गया और उपाध्यक्ष अमित त्रिपाठी की ताजपोशी हो गई। 

ऐसे में भाजपा से अनुशासन हीनता मानते हुए संज्ञान ली।

जिस पर श्याम भोजवानी वार्ड पार्षद… तथा अनिल लकड़ा दोनो के नगर पंचायत उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध मतदान किये जाने पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। यह अनुशासन भंग करने की परिधि में आता है। ऐसे में 

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने पार्टी विरोधी कार्य करने में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अनुशासनहीनता के उक्त कार्रवाई के बाद पार्टी के भीतर रहकर ही गद्दारी करने वाले नेताओं में खलबली मच चुकी है।

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