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खरगोन अनिल बिलवे/ जिले को क्लब फुट मुक्त हेतु हो रहे प्रयास
18 से 20 फरवरी तक जिला चिकित्सालय में शिविर का आयोजन
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत क्लब फुट, तिरछे मुडे हुए पैर से ग्रसित बच्चों का चिन्हंाकन कर उनका यथावत उपचार करा कर 31 मार्च 2025 तक क्लब फुट मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य तय किया गया हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी प्रबन्धक श्री विनोद पॅवार ने बताया कि क्लब फुट से ग्रसित बच्चों का प्रीवैलेंस 1-2/100 जीवित जन्म हैं। क्लब फुट मुक्त करने के लिए प्रीवैलेंस के आधार पर क्लब फुट के संभावित बच्चों का सर्वे कराया गया है। इसी तारतम्य में चिन्हित बच्चों के लिए 18 से 20 फरवरी 2025 तक जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंन्टर में तीन दिवसीय क्लब फुट निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें दुरस्थ अंचलों के चिन्हित बच्चों को लाया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. दौलतसिहं चौहान के बताया कि जिले के चिन्हित बच्चों को प्रति मंगलवार जिला अस्पताल के ट्रामा सेंन्टर में जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक वास्के, फिजियोथ्ेारेपिस्ट डॉ. शुभम महाजन एवं अनुष्का फांउडेशन मुंबई के कार्डिनेटर श्री मनोज यादव के सहयोग से बच्चों का निःशुल्क उपचार किया जाएगा। जिसमें प्लास्टर चढाना, टेनोटोमी करना, ब्रेसेज जूते उपलब्ध करायें जाएंगे। अब तक जिले में 125 से अधिक का उपचार किया जा चुका है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहनसिंह सिसोदिया ने बताया कि न केवल ग्राम स्तर पर बल्कि बच्चों में किसी प्रकार की जन्मजात विकृति की शीघ्र पहचान करने के लिए प्रिहेंसिव न्यू बोर्न स्कीनिंग भी समस्त प्रसव केंन्द्रांे पर अनिवार्य रूप से की जा रही हैं। जहॉ बच्चों में जन्म पर ही किसी प्रकार की विकृति की पहचान कर उन्हें शीघ्र उपचार दिया जा रहा हैं तथा ग्राम स्तर पर आरबीएसके टीम, एएनएम, आशा कार्यकताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया है।
नोडल अधिकारी आरबीएसके डॉ. संजय भट्ट ने बताया कि समय पर उपचार प्रदान कर बच्चों को दिव्यांगता से बचाया जा सकता हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत हद्य रोग के 58, कोक्लीयर इंप्लांट 6, कटे होठ फटे तालू 45, स्पीना बाईफिडा 4, हाईड्रोसीफिलीस के 4, मोतियाबिंद के 11, आंखो का भेंगापन के 5 तथा अन्य माइनर सर्जरी के 73 बच्चों की निःशुल्क सर्जरी कराई जा चुकी हैं।