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राज्य सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण क्रेडा विभाग में कार्य बंद होने के कगार पर, उपकरण, ड्यूल पंप सहित मेंटेनेंस के सामग्री की कमी, अधिकारी कर्मचारियों को भी नहीं मिल पाया वेतन, कार्य हो रहा प्रभावित 

रायपुर-प्रदेश में आमजन को लाभ दिलाने और उनका कार्य सही समय पर क्रियान्वयन करने राज्य सरकार द्वारा बहुत से विभाग बनाए गए है।

राज्य सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण क्रेडा विभाग में कार्य बंद होने के कगार पर, उपकरण, ड्यूल पंप सहित मेंटेनेंस के सामग्री की कमी, अधिकारी कर्मचारियों को भी नहीं मिल पाया वेतन, कार्य हो रहा प्रभावित

रायपुर-प्रदेश में आमजन को लाभ दिलाने और उनका कार्य सही समय पर क्रियान्वयन करने राज्य सरकार द्वारा बहुत से विभाग बनाए गए है।रायपुर-प्रदेश में आमजन को लाभ दिलाने और उनका कार्य सही समय पर क्रियान्वयन करने राज्य सरकार द्वारा बहुत से विभाग बनाए गए हैं।

इन विभागों को राज्य सरकार द्वारा बजट दिया जाता है जिससे वे कार्य को पूर्ण करते है। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही बजट के अभाव में बहुत से विभागों में काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे ही क्रेडा (CREDA) विभाग में इन दिनों राज्य सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण कई कार्य लंबित पड़े हैं यहां तक की स्थिति ये आ गयी है के अधिकारी कर्मचारियों को अब तक वेतन भी नहीं मिल पाया है जिससे कार्य लगातार प्रभावित भी हो रहा है।

आपको बता दें, प्रदेश के क्रेडा विभाग में राज्य सरकार द्वारा बजट नहीं देने के कारण बहुत से योजनाओं के कार्य ठप्प पड़े हुए है। फंड (बजट) रिलीज ना होने की वजह से नये कार्यों के अलावा सुरक्षा और मेंटेनेन्स का कार्य भी रुका हुआ है।

बजट के अभाव में क्रेडा विभाग में रुके हुए कार्य :

सौर संबंधों के “संचालन/संधारण एवं रखरखाव हेतु त्रैमासिक राशि राज्य सरकार से अब तक प्राप्त नहीं हो पाई है जिससे संभाग और जिला स्तर के कार्य प्रभावित हो रहे हैं राशि के अभाव में कई जिलों में मेंटनेंस के कार्य नहीं हो पाए रहे हैं जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है!

आऊट ऑफ वारंटी संयंत्रों का कार्य भी रुका हुआ है।

राज्य सरकार से बजट ना प्राप्त होने के कारण आऊट आफ वारंटी संयंत्रों का कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं।

फंड के अभाव में सेवाकर्ता इकाईयों के लिए सेफ्टी सामग्री की भी कमी है। लगातार जिला स्तर से मांग आने के बावजूद क्रेडा के अधिकारी बजट ना होने के कारण इसकी पुर्ति नहीं कर पा रहे है

सौर सामुदायिक सिचाई योजना भी बंद है।

सोलर पावर प्लांट (ऑफग्रिड) पर अनुदान नहीं मिल पा रहा है।

बायोगैस पर अनुदान मिलना बाकी है।

सोलर वाटर हिटर पर मिलने वाला अनुदान रुका हुआ है।

सोलर कुकर पर अनुदान नहीं मिला है।

जल शुद्धिकरण संयंत्र पर अनुदान भी लंबित है।

सोलर कोल्ड स्टोरेज पर मिलने वाला अनुदान भी बजट के अभाव का शिकार हुआ है।

सोलर हाई मास्ट पर अनुदान नहीं मिला है।

ऑफग्रिड सोलर विण्ड हाई ब्रिड पावर प्लांट पर अनुदान लंबित है।

सौर संयंत्रों के “संचालन/संधारण एवं रखरखाव” का कार्य भी बजट (फंड) के अभाव में ठप्प है।

बजट (फंड) जारी नहीं होने की वजह से क्रेडा विभाग के कार्य लंबित होते जा रहे है। कार्यों के रुकने से किसान एवं हितग्राहियो को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केवल योजनाएं ही नहीं सुरक्षा और मेंटेनेन्स का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य में सरकार बदले 10 महीने के ऊपर हो चूका है, बावजूद इसके अबतक बजट (फंड) जारी नहीं किया गया है। अब यहां सवालों की झड़ी लगती है कि ऐसा क्या कारण है की फंड का अभाव विभागों को झेलना पड़ रहा है? राज्य सरकार द्वारा फंड क्यों जारी नहीं किया जा रहा है? हितग्राहियो को लाभ कब मिलेगा?

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