श्रीरामलला मन्दिर की छत से पानी का रिसाव निर्माण की गुणवत्ता पर उठा रही उंगली-प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने लोकसभा में उपाध्यक्ष पद विरोधी दल को न देने पर अघोषित इमरजेंसी का बोला हमला
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर की छत से पानी टपकने को देश भर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को चिन्तित करने वाला करार दिया है। उन्होनें कहा कि श्रीरामलला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को अभी पांच माह भी पूरे नहीं हुए हैं ऐसे में मंदिर की छत से पानी का रिसाव होना घटिया निर्माण सामग्री पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होने श्रीरामलीला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि गर्भ गृह की छत से पानी के रिसाव की समस्या के साथ गर्भ गृह के बाहर वीआईपी दर्शन स्थल पर ही तेजी के साथ छत से पानी टपकना चिंताजनक है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि हल्की बरसात में ही मंदिर की छत से पानी का रिसाव होना मोदी सरकार के तमाम काले अध्याय में एक और काला अध्याय जुड़ गया है। उन्होने कहा कि पिछले बाइस जनवरी को अधूरे मंदिर मे श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। उन्होने कहा कि अभी मानसून की बरसात बाकी है और ऐसे में अभी से ही मंदिर की छत से पानी का रिसाव होना निर्माण की गुणवत्ता पर भी उंगली उठाता है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राजनैतिक लाभ लेने के लिए देश के शंकराचार्यो तक की गैरउपस्थिति में आननफानन में अधूरे श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं करायी जानी चाहिए थी। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के मुताबिक उन्होने स्वयं राज्यसभा में दिये गये अपने वक्तव्य में इस पहलू पर जोर दिया था कि मंदिर के पूरी तरह निर्मित हो जाने तक धार्मिक मान्यता के अनुरूप मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि मंदिर निर्माण की शुरूआती यह स्थिति देख देश को यह भी आशंका है कि वर्ष 2025 तक की निर्धारित तिथि आने तक भी मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होने कहा कि मंदिर निर्माण के पहले चरण में ही जिस तरह से वहां पानी का रिसाव हुआ है उससे मोदी सरकार के चेहरे से मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जल्दबाजी के उठाये गये कदम से नकाब उतर गया है। उन्होने श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट से आग्रह किया है कि वह पानी के रिसाव को तत्काल रोके जाने के साथ पुख्ता व्यवस्था करे कि दोबारा रिसाव न हो सके। उन्होनें कहा कि ट्रस्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम सुचारू रूप से निर्विघ्न जारी रहे। वहीं उन्होनें मोदी सरकार से अनुरोध किया है कि अब वह अपने राजनैतिक लाभ के लिए भगवान श्रीराम के नाम का दुरूपयोग न करे। वहीं उन्होने लोकसभा में उपाध्यक्ष पद पर मोदी सरकार के द्वारा लोकतांत्रिक परम्पराओं के हनन पर भी कड़ा हमला बोला है। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार अघोषित इमरजेंसी लगाकर संसदीय परम्परा के क्षेत्र में भी लोकतंत्र की परम्पराओं का हनन कर रही है। उन्होने कहा कि देश की आजादी के बाद संसदीय इतिहास गवाह है कि लोकसभा अथवा विधानसभाओं में अध्यक्ष का पद सत्तारूढ़ दल और उपाध्यक्ष का पद विरोधी दल के पास रहा है। उन्होनें आरोप लगाया कि जब से मोदी सरकार आयी है परम्पराओं के विपरीत वह उपाध्यक्ष पद या तो रिक्त रख रही है या फिर सहयोगी दलों को दिया करती है। उन्होने कहा कि कांग्रेस ने के.सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विरोध स्वरूप इसलिए उतारा है ताकि मोदी सरकार को अभी से आगाह किया जा सके कि वह लोकतंत्र की मर्यादा नही रखेगी तो विपक्ष भी लोकतांत्रिक ढंग से उसे सचेत करने में अहम भूमिका में मजबूती के साथ दिखेगा। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी लोकसभा चुनाव में मनमाफिक लाभ नही हासिल कर सके। उन्होने कहा कि ऐसे में वह दूसरे दलों के समर्थन से अल्पमत की सरकार चला रहे हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार बनने से लेकर अब तक देश में कई चिंताजनक आतंकवादी घटनाएं तथा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार को अल्पमत की सरकार के बहुमत की चिन्ता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की भी चिन्ता करनी चाहिए। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान यहां मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।