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झाबुआ जिले के मंडली छोटी ग्राम में और जोबट के ग्राम खुटाजा में पूरा विदा 2025: पुनर्योजी और जैविक खेती पर केंद्रित दूसरा संस्करण उत्साह के साथ हुआ प्रारंभ

इस कार्यक्रम का उद्देश्य टिकाऊ कृषि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सदृढ़ करना है

रिपोर्टर = भव्य जैन

पुनर्योजी और जैविक खेती को समर्पित पूरा विदा के दूसरे संस्करण की शुरुआत 16 जनवरी, 2025 को जोश और उत्साह के साथ हुई। एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (आसा) और प्लाउमैन एग्रो प्राइवेट लिमिटेड (पीएपीएल) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह दो दिवसीय कार्यक्रम टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने पर केंद्रित था।

 

पहले दिन, प्रतिभागियों ने अलीराजपुर और झाबुआ जिलों के गांवों का दौरा किया, जहां स्थानीय ग्रामीण आदिवासी समुदाय ने पारंपरिक नृत्य के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। स्थानीय किसानों ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की, और मानचित्रों के माध्यम से विकास के महत्वपूर्ण कदम, जैसे स्टॉप डैम, मिट्टी के बांध, खुदाई वाले कुएं और टिकाऊ सिंचाई प्रणाली, प्रस्तुत किए। यह सभी कदम संघठन के सहयोग से कृषि क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाए गए थे।

 

प्रतिभागियों ने खेतों का दौरा कर जैविक खेती की तकनीकों का अवलोकन किया और मिट्टी की गुणवत्ता, जैव विविधता और फसल उत्पादन में हुए सुधार को देखा। दिन का समापन पारंपरिक खेल तीरंदाजी, और स्थानीय व्यंजन, दाल पानिया के स्वाद के साथ हुआ। इस सांस्कृतिक और टिकाऊ अनुभव ने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।

 

17 जनवरी को, कार्यक्रम पैनल चर्चाओं और साझा सत्रों के साथ जारी रहा। प्रतिभागी अपने क्षेत्रीय दौरे के अनुभव साझा किए, और छोटे किसानों ने जैविक और पुनर्योजी खेती में मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। किसान, भागीदार और आपूर्तिकर्ता जैसे विभिन्न हितधारक टिकाऊ कृषि पद्धतियों पर संवाद किया।

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