रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब — लोकसभा चुनावों के रूझान से यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने बलबूते पूर्ण बहुमत लाने में कामयाब नही हो पाई है, फाइनल आंकड़े आज देर शाम तक सामने आने की संभावना है परंतु यह तय है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का सहयोग लेना ही होगा। फिलहाल नीतीश की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं परन्तु ऐसी खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस और इंडिया एलाइंस के बड़े नेता नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से संपर्क साध रहे हैं — इंडिया एलाइंस की पूरी कोशिश रहेगी कि यह दोनों दल उनके खेमे में शामिल हो जाए। गौरतलब है कि नीतीश कुमार पहले कई बार पाला बदल चुके हैं वे एनडीए के साथ इंडिया एलाइंस में भी रह चुके हैं — खबरें हैं कि इंडिया एलाइंस की तरफ से उन्हें डिप्टी प्राइम मिनिस्टर की पोस्ट भी आफर की गई है। जहां तक चंद्रबाबू नायडू की बात करें तो वे पहले भी एनडीए गठबंधन में थे परन्तु बाद में गंठबंधन से अलग होकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध खड़े हुए। इसी के चलते अब इंडी एलाइंस इनको साथ लेकर इंडिया गंठबंधन की सरकार बनाने हेतु अपनी संभावनाओं को तलाश रहा है। ताज़ा रूझान यदि जारी रहते हैं तो जेडीयू और टीडीपी को तीस के आसपास सीटें मिल सकती हैं। भाजपा एनडीए को सबसे ज्यादा नुक्सान उत्तर प्रदेश में हुआ है — इसके अलावा बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में भी पार्टी का ग्राफ निश्चित रूप से घटा हुआ दिखाई दे रहा है। बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात , दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर रहा है । यदि अभी के रूझान को बड़े राजनीतिक परिपेक्ष्य में देंखें तो समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, टीडीपी, टीएमसी और जेडीयू को बहुत फायदा होता हुआ दिखाई दे रहा है।
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