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सिवनी में पदस्थ सहायक आयुक्त अमर उईके के विरुद्ध -डिडौरी सिटी कोतवाली पुलिस ने 21 फरवरी को 420,409, के तहत मामला पंजीबद्ध किया जिसके बाद से अमर उईके फरार है। बताया जाता है की अमर उईके ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय सत्र न्यायधीश डिंडोरी के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिसे माननीय न्यायलय ने खारिज कर दिया। बताया जाता है की अमर उईके के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि डिंडोरी में पदस्थापना के दौरान उसे सुनवाई का मौका दिए बिना जांच टीम के द्वारा संदेहास्पद प्रतिवेदन के आधार पर झूठा प्रकरण पंजीबद्ध किया । उसकी समाज में मान प्रतिष्ठा है यदि उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है तो उसके साथ बड़ी हकतलफी होगी। वही दूसरी और जमानत का विरोध करते हुए लोक अभियोजक ने तर्क देते हुए कहा की अमर उइके के विरुद्ध दस्तावेज है और कई तर्क दिए गए। सुनवाई के बाद डिंडोरी के सत्र न्यायधीश नीना आशापुरे ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है की आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला की शिकायत पर तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके के खिलाफ शासकीय राशि का गबन और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत पर आईपीसी की धारा 420,409 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। अमर उईके के रहते ट्राइवल राज्य छात्र वृति योजना के एक करोड़ 9 लाख 70 हजार 888 रुपए, एस टी छात्रवृति योजना के 11 लाख 26 हजार, एस टी पोस्ट मैट्रिक छात्र वृति योजना के 7 लाख 52 हजार 872 रुपए, एस टी छात्र वृति योजना के 64 लाख 13 हजार 992, रेडक्रॉस मद के 18 लाख 15 हजार,363 रुपए, खेल मद के 42 लाख 88 हजार 862 रुपए, स्काउट एवं गाइड मद के 5 लाख 79 हजार 600 रुपए, कुल 2 करोड़ 59 लाख, 97 हजार, 577 रुपए का भुगतान गलत तरीके से किया गया है। अमर उईके की अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद अब वह उच्च न्यायलय से अग्रिम जमानत कराने का प्रयास कर रहे है। वही दूसरी तरफ देखना यह है की डिंडोरी पुलिस फरार चल रहे अमर उईके को कब तक गिरफ्तार करती है।