
*श्रीनगर कॉलोनी में वर्षा जल संचयन को लेकर आयोजित हुई महत्त्वपूर्ण जनजागरूकता सभा*
*कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता एवं आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत की उपस्थिति में हुआ आयोजन*
आज श्रीनगर कॉलोनी स्थित गार्डन में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) विषय पर नगर निगम द्वारा एक महत्त्वपूर्ण जनजागरूकता सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता, नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत, उपायुक्त श्री एस.आर. सिटोले, कार्यपालन यंत्री श्री राधेश्याम उपाध्याय, श्रीमती वर्षा घिडोड़े, सहायक जनसंपर्क अधिकारी श्री गौरव खरे सहित नगर निगम के अनेक अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में कॉलोनीवासी उपस्थित रहे।
*श्री सुनील बंसल द्वारा किया गया अतिथियों का स्वागत*
कार्यक्रम की शुरुआत श्री सुनील बंसल द्वारा कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता, आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत एवं कॉलोनी अध्यक्ष श्री ललित जैन के स्वागत एवं स्वागत उद्बोधन से हुई।
*उन्होंने कहा —*
“हमारी कॉलोनी में पहले से ही 7–8 वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित हैं, फिर भी प्रकृति को अधिक से अधिक योगदान देने की भावना से हम सभी उत्साहित हैं। मैं समस्त कॉलोनीवासियों की ओर से सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ।”
*आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत का प्रेरणादायक संदेश*
*आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत ने अपने उद्बोधन में बताया —*
“खंडवा ना केवल संभाग या प्रदेश, बल्कि पूरे देश में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में अग्रणी जिला है। अब तक जिले में 99,500 से अधिक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं और यह कार्य लगातार प्रगति पर है।”
उन्होंने बताया कि दो मॉडल पर काम हो रहा है —
1. बोरिंग मॉडल: छत का पानी सीधे बोरिंग में
2. पिट सिस्टम: छत का पानी गड्ढे द्वारा ज़मीन में
*उन्होंने कहा —*
“यह कार्य किसी पर थोपा नहीं जा रहा, बल्कि यह हम सबकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि हम जितना पानी उपयोग करते हैं, उतना धरती को लौटाएं।”
*कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता द्वारा जागरूकता को नई दिशा*
कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में बताया कि यदि हम 5 “क्यों?” (Why) और 11 “क्या?” (What) को समझ लें, तो वर्षा जल संचयन की आवश्यकता व इसकी जिम्मेदारी को आसानी से आत्मसात कर सकते हैं।
*5 WHY — क्यों जरूरी है Rain Water Harvesting:*
1. आधुनिकीकरण के कारण जल तेजी से बह रहा है (Run-off)
2. पेड़-पौधों की सफलता जल पर निर्भर है
3. बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में बाढ़ और “Zero Day” दोनों आए हैं
4. नदियाँ aquifers पर निर्भर हैं, जो अब रिचार्ज नहीं हो रही
5. जल की माँग बहुत बढ़ गई है, परंतु आपूर्ति सीमित है
*11 WHAT — क्या करें:*
1. छतों से वर्षा जल का संचयन
2. सामाजिक गतिविधियों से जागरूकता
3. कुएँ और बावड़ियों का संरक्षण
4. जल संवाद को युवा पीढ़ी तक पहुँचाना
5. मानसून के अंत में टीम वर्क से उपयुक्त स्थान पर बोर्री बंडिंग
6. बीज बॉल बनाना और उनका उपयोग
7. जनप्रतिनिधियों, सोशल इंफ्लुएंसर्स का सहयोग
8. जागरूकता के लिए सामूहिक भागीदारी
9. पानी के व्यय का स्व-मूल्यांकन
10. छोटी-छोटी पहल से बड़ा बदलाव
11. जल प्रबंधन को जीवनशैली में अपनाना
*उन्होंने कहा —*
“100 मिमी बारिश में केवल 6–8 मिमी पानी ही धरती में रुकता है, शेष सारा बह जाता है। यदि 1000 स्क्वायर फीट की छत पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग हो, तो एक वर्ष में 1,00,000 लीटर जल धरती को लौटाया जा सकता है — सिर्फ ₹5,000–₹6,000 के खर्च में करोड़ों की बचत संभव है।”
*श्री नरेंद्र जैन द्वारा आभार प्रदर्शन*
कार्यक्रम के अंत में श्री नरेंद्र जैन द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं कॉलोनीवासियों का आभार व्यक्त किया गया।
*उल्लेखनीय उपस्थिति एवं सहभागिता*
इस अवसर पर कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता, आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत, उपायुक्त श्री एस.आर. सिटोले, कार्यपालन यंत्री श्री राधेश्याम उपाध्याय, श्रीमती वर्षा घिडोड़े, सहायक जनसंपर्क अधिकारी श्री गौरव खरे सहित निगम के अनेक अधिकारीगण एवं श्रीनगर कॉलोनीवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई, जिसके पश्चात सभा का समापन हुआ।