
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अजमेर के बिजयनगर ब्लैकमेल कांड पर जमकर नाराजगी जाहिर की है। रविवार को झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ क्षेत्र स्थित बलवंतपुरा के डूंडलोद गर्ल्स स्कूल में छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बड़ा बयान दिया। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राजस्थान पत्रिका में पढ़ा कि ब्लैकमेलिंग की शिकार हुई लड़कियां हिंदूवादी संगठन से जुड़ी थीं, इसलिए उन्हें टारगेट किया गया। इस पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्होंने कहा- ‘क्या हिंदू संगठन से जुड़ना गुनाह है? क्या यह कोई अपराध है? अब ऐसा नहीं चलेगा।’
‘अगर ऐसे टारगेट किया तो हम भी टारगेट करेंगे’
राज्यपाल बागडे ने साफ शब्दों में कहा कि अब टारगेट करने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि अगर वे ऐसी हरकतें करेंगे, तो उन्हें भी वैसा ही जवाब मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ‘जो लोग डरे नहीं, वे आज भी हिंदू हैं और जो डर गए, वे दूसरे धर्म में चले गए।’ उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भर और निडर बनने की सलाह देते हुए कहा कि बालिकाएं किसी से डरें नहीं, बल्कि जो लोग टेढ़ी नजर से देखते हैं, उनसे नजर मिलाकर ‘ईंट का जवाब पत्थर से दें।’
नारी की पूजा भारतीय संस्कृति की पहचान
राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘जहां नारी की पूजा होती है, वहां परमेश्वर का वास होता है।’ उन्होंने छात्राओं से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया और कहा कि किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।
‘देश की गुरुकुल शिक्षा पद्धति सबसे श्रेष्ठ थी’
राज्यपाल बागडे ने अपने संबोधन में भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि ‘आप जैसा सोचोगे, वैसा ही बनोगे।’ उन्होंने कहा कि ‘प्राचीनकाल में भारत की गुरुकुल शिक्षा पद्धति पूरी दुनिया में सबसे अच्छी थी, लेकिन अंग्रेजों ने इसे नष्ट कर दिया।’
उन्होंने कहा कि अंग्रेज अधिकारी मैकाले ने भारतीय शिक्षा पद्धति बदलकर ऐसी व्यवस्था बनाई, जिससे भारतीय मूल्यों और संस्कारों को कमजोर किया जा सके। उन्होंने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी।
क्या है बिजयनगर ब्लैकमेल कांड?
बिजयनगर ब्लैकमेल कांड 15 फरवरी को सामने आया था, जब अजमेर जिले के बिजयनगर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद अन्य चार लड़कियों के परिजनों ने भी आरोप लगाए।
पीड़ित नाबालिगों ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने पहले उनके अश्लील वीडियो बनाए, फिर उन्हें ब्लैकमेल कर यौन शोषण किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस ने पोक्सो एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राज्यपाल बागडे के इस बयान के बाद अब इस मामले में नई हलचल मच गई है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार और प्रशासन को इस मामले में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।