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रेत ठेका कंपनी पर अवैध खनन और धमकी के आरोप, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

ग्राम सभा का विरोध, बंदूकधारियों की धमकी से ग्रामीणों में दहशत

रेत ठेका कंपनी पर अवैध खनन और धमकी के आरोप, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

ग्राम सभा का विरोध, बंदूकधारियों की धमकी से ग्रामीणों में दहशतमालवार की सड़कों पर ट्रकों का कहर

मालवर की सड़कों पर ट्रकों का कहर, पुलिया हुईं जर्जर

रेत नीलामी की राशि से पंचायत को 30 प्रतिशत हिस्सा देने की मांग

ग्राम पंचायत सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रशासन से की कार्रवाई की मांग

फोटो

बैतूल। ग्राम पंचायत खापा के ग्राम मालवर में रेत ठेका कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों ने अवैध खनन और धमकी देने की शिकायत की है। इस मामले में ग्राम पंचायत सरपंच सहनवती कवड़े के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में ग्रामीणों ने रेत खनन रोकने और कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों का आरोप है कि रेत ठेका कंपनी ने कुछ अज्ञात लोगों को खनन कार्य के लिए लगाया है, जिन्हें केदार नाम से बुलाया जाता है। ये लोग ग्रामीणों के लिए पूरी तरह अपरिचित हैं। ग्राम सभा में रेत खनन रोकने का प्रस्ताव पारित करने के बावजूद कंपनी के लोग जबरन काम कर रहे हैं और विरोध करने पर ग्रामीणों को धमकी दे रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इन लोगों के साथ बंदूकधारी भी मौजूद रहते हैं, जिससे गांव में भय का माहौल बना हुआ है।

सड़कों और पुलिया की हालत खराब

ज्ञापन में बताया कि रेत लोडिंग के लिए बड़े हाईवे ट्रकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे ग्राम की सड़कों की हालत खराब हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं और कई पुलिया जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं। इसके अलावा, अवैध रूप से भड़गा नदी और तवा नदी से रेत निकाली जा रही है, जिससे पर्यावरण और संसाधनों को भी नुकसान पहुंच रहा है।

2011 से नीलामी राशि का नहीं मिला लाभ

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011 से अब तक करोड़ों रुपये की रेत खदान नीलामी हो चुकी है, लेकिन ग्राम पंचायत खापा-मालवर को खनिज विभाग से एक भी रुपया नहीं मिला है। ज्ञापन में मांग की गई है कि नीलामी की राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा ग्राम पंचायत को दिया जाए, ताकि ग्राम में विकास कार्य किए जा सकें।

ज्ञापन सौंपने के दौरान ग्रामीण गुलाब, बलिराम, भैयालाल, मानसिंग, गरजन, ब्रजलाल और हजारीलाल सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की और रेत ठेका कंपनी के अवैध कार्य को नहीं रोका, तो भविष्य में कोई अप्रिय घटना होने पर इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि स्वीकृत खदान को तत्काल निरस्त किया जाए। 2011 से 2024 तक की रेत नीलामी की राशि से 30 प्रतिशत हिस्सा ग्राम पंचायत को दिलवाया जाए।

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