
पीलीभीत। नेपाल सीमा से सटे जनपदों, विशेषकर पीलीभीत के युवाओं के भविष्य पर अब गंभीर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सीमापार नेपाल में चल रहे वैध कैसिनो अब उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के युवाओं के लिए विनाश का कारण बनते जा रहे हैं। वहीं सावन माह के शुभ अवसर पर होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर भी जिले में व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त दिख रही हैं। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने इन दोनों ही मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपते हुए जल्द हस्तक्षेप की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि पिछले कुछ समय से सीमावर्ती जिलों के युवा बड़ी संख्या में रोज़ाना नेपाल की ओर रुख कर रहे हैं। ये युवा नेपाल में स्थित कैसिनो में न केवल जुए और सट्टेबाजी में अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं, बल्कि नशे, मादक पदार्थों और आपराधिक प्रवृत्तियों के दलदल में भी फंसते जा रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पीलीभीत जिले के कई युवाओं के परिवारों ने स्वयं संगठन के सामने यह चिंता प्रकट की है कि उनके बेटे इन कैसिनो में लाखों रुपये गंवा चुके हैं और अब कर्ज के जाल में उलझे हुए हैं। परिवारों की संपत्ति, ज़मीन और गहनों तक को दांव पर लगा दिया गया है। हारने की स्थिति में युवाओं के मोबाइल फोन तक छीन लिए जाते हैं और अपमानजनक व्यवहार किया जाता है, जिससे कई मामलों में मानसिक अवसाद और आत्महत्या तक की नौबत आ रही है। इन गतिविधियों को भारत की खुली सीमा और नेपाल में कैसिनो की वैधता का लाभ उठाकर बढ़ावा दिया जा रहा है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इन कैसिनो में प्रवेश के लिए भारतीय आधार कार्ड का प्रयोग कराया जाता है, जबकि नेपाल के अपने नागरिकों को इसमें प्रवेश की अनुमति नहीं होती। ऐसे में न केवल भारतीय युवाओं का आर्थिक और नैतिक पतन हो रहा है, बल्कि देश की सुरक्षा और निजता को भी गहरा खतरा उत्पन्न हो रहा है। सामाजिक दृष्टि से भी यह प्रवृत्ति युवाओं को अपराध की ओर धकेल रही है और राज्य की कानून व्यवस्था को चुनौती दे रही है।
उधर, सावन माह जैसे पवित्र अवसर को लेकर भी संगठन ने जिले की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु जनपद के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे गौरीशंकर मंदिर, दूधिया नाथ महादेव मंदिर और अर्धनारीश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने आते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, जिन मार्गों से होकर कांवड़ यात्रा होती है- जैसे ईदगाह तिराहा, रोडवेज, चौक बाजार, आयुर्वेदिक कॉलेज मार्ग और गौरीशंकर मंदिर मार्ग— उनमें से कई की स्थिति अत्यंत जर्जर है। कई जगह सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं, जिनमें बरसात के मौसम में पानी भरकर दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। श्रद्धालु इन मार्गों से गुजरते समय असुविधा और जोखिम का सामना करते हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि आयुर्वेदिक कॉलेज से गौरीशंकर मंदिर तक का मार्ग, जो कि श्रद्धालुओं के आने-जाने का मुख्य रास्ता है, वर्तमान में निर्माणाधीन है। यदि सावन शुरू होने से पूर्व यह मार्ग तैयार नहीं हुआ, तो श्रद्धालुओं में नाराजगी बढ़ सकती है और यह जनआक्रोश का कारण भी बन सकता है। इससे पहले भी शिवरात्रि के दौरान निर्माण कार्य के चलते श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं। इसी क्रम में मांग की गई है कि बिजली के खुले खंभों को पन्नी, लकड़ी या फाइबर से सुरक्षित किया जाए और धार्मिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए मांसाहारी दुकानों को कांवड़ यात्रा के दौरान अस्थायी रूप से बंद कराया जाए।
संगठन ने प्रशासन से अपील की है कि युवाओं को सीमावर्ती क्षेत्रों में कैसिनो जैसी बर्बादी की राह से बचाने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सावन यात्रा से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएं। इस दौरान जिलाध्यक्ष पंडित पंकज शर्मा, युवा जिलाध्यक्ष गौरव शर्मा, युवा जिला महामंत्री आयुष सक्सेना, मीडिया प्रभारी प्रेम सागर शर्मा, युवा जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र मौर्य, अर्जुन ठाकुर, नगर मंत्री लखन प्रताप सिंह, महिला जिलाध्यक्ष बिन्दु सिंह, महिला जिला मंत्री आरती देवी, महिला जिला सचिव सपना कश्यप, पूजा गुप्ता आदि सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।