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शीत लहर से बचाव के लिए कलेक्टर श्री सिंह ने जारी किए सुझाव

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शीत लहर से बचाव के लिए कलेक्टर श्री सिंह ने जारी किए सुझाव
खण्डवा 10 दिसम्बर, 2024 – कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह ने शीत लहर से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। शीत लहर दिसम्बर एवं जनवरी में घटित होती है जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण मृत्यु होना भी संभावित है। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजनों एवं 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों,बेघर व्यक्तियों,दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।शीत लहर एवं सर्द माहों के दौरान घरों में उपयोग किए जाने वाले हीटर/फायर पॉट आदि का बंद कमरों में उपयोग करने के कारण कॉर्बन मोनोऑक्साइड पॉयजन का भी खतरा होना संभावित है। शीत लहर से बचाव के लिए गर्म वस्त्र एवं कई परतों में कपड़ों का उपयोग किया जाना चाहिए। आकस्मिक स्थितियों के उपाय के लिए घर में रसद एवं अन्य सामग्रियों की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए। शीत लहर के दौरान नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू, नाक से खून आने जैसे लक्षण सामान्यतः पाए जाते है जिसके लिए तत्काल निकटस्थ चिकित्सक से सलाह प्राप्त की जाए।
शीत लहर से बचाव के लिए यात्रा कम करना चाहिए एवं घर के अंदर रहना चाहिए। ऊनी कपड़ों की कई परतों द्वारा सर, गर्दन एवं पैरों की उँगलियों को ढकना चाहिए। विटामिन सी युक्त फल एवं सब्जियों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शारीरिक तापमान संतुलित रहे। शारीरिक तापमान को बनाए रखने के लिए गरम तरल पदार्थों का नियमित सेवन करना चाहिए। आस पड़ोस में रहने वाले वृद्धजन एवं बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए। बंद कमरों में कोयला अंगीठी या अलाव के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इनसे उत्सर्जित खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साईड गैस से मृत्यु होना संभावित है।फ़्रॉस्टबाइट के लक्षण जैसे ऊगलियों, कान, नाक अथवा पैर की उँगलियों की सफेदी या फीकापन शीत लहर के दौरान देखे जा सकते हैं।फ़्रॉस्टबाइट के दौरान कपकपी आना, बोलने में कठिनाई होना, अधिक नींद आना, मासपेशियों में अकड़न, सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी जैसे लक्षण के साथ-साथ बेहोशी भी हो सकती है।अल्पताप एक मेडिकल आकस्मिकता है जिसके लिए तुरन्त चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।
अल्पता से ग्रस्त व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनायें एवं उष्ण स्थान पर रखे। शारीरिक तापमान को बनाए रखने के लिए कंबल, कपडे़, टॉवेल शीट आदि की कई परतों से शरीर को ढके। गरम पेय पदार्थ देकर शारीरिक तापमान को बढ़ाए। लक्षणों के बढ़ने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें। वहीं अल्पताप के लक्षण होने पर लंबे समय तक ठंड में रहने से बचे। मदिरापान से बचे क्योंकि इससे शारीरिक तापमान घटता है एवं हथेलियों की रक्त धमनियों में संकुचन होने से अल्पताप की अधिक संभावना होती है। फ़्रॉस्टबाइट के लक्षण वाले अंगों को न मलें, इससे अधिक क्षति हो सकती है। शारीरिक तापमान के घटने का प्रथम लक्षण कपकपी होती है।

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