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तीन आपराधिक क़ानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता एक जुलाई यानी सोमवार से देश में हो लागू हो गए हैं.

सेमरा थाना के प्रांगण में ,नए अपराधिक कानून, को लेकर गणमान्य व्यक्ति के साथ बैठक थाना प्रभारी सम्पत कुमार सिंह यादव जी के नेतृत्व में संपन्न की गई।

बेतिया:- बिहार:- सेमरा थाना से जहांगीर अंसारी कि रिपोर्ट

  • दिनांक 01/07/2024 को समय 10:00 बजे अपराह्न सेमरा थाना के प्रांगण में ,नए अपराधिक कानून, को लेकर गणमान्य व्यक्ति के साथ बैठक थाना प्रभारी सम्पत कुमार सिंह यादव जी के नेतृत्व में संपन्न की गई। उक्त बैठक में स्थानीय ग्रामीण गणमान्य व्यक्ति एव जनप्रतिनिधि पैक्वलिया मर्यादपुर पंचायत मुखिया अनिल सिंह, जमुनापुर टडवलिया , मुखिया, उपेंद्र दीक्षित, जिमरि नौतनवा खुबलाल महतो, पैक्वलिया मर्यादपुर पंचायत सरपंच राजदेव यादव, सेमरा शंभु राम, बैराटी बरियारवा पंचायत के वार्ड न0. 10 वार्ड सदस्य पति अशोक पासवान , एव गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बगहा पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा दिए गए निर्देशों का सेमरा थाना प्रभारी ने अनुपालन करते हुए जनसंपर्क कर थाना परिसर में बैठक किया ।

(आईये जानते हैं नये कानून के बारे में।) 

1 जुलाई से भारत अपने औपनिवेशिक युग के आपराधिक पहलुओं को तीन नए आपराधिक पहलुओं के साथ बदल देगा। भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता या बीएसएस, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता या बीएनएसएस और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम या बीईएसबीएस लागू होगा।

इनसाइड को पहली बार केंद्र ने पिछले साल 11 अगस्त को पेश किया था, जिसके बाद उन्हें समीक्षा के लिए भाजपा सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाली 31 संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था। बाद में 12 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस में प्रस्ताव पेश किया और 25 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।

इस विधेयक को बीते साल संसद के दोनों सदनों में ध्वनिमत से पारित किया गया था.

 

इस विधेयक को दोनों सदनों से पास करते समय सिर्फ़ पाँच घंटे की बहस की गई थी और ये वो समय था जब संसद से विपक्ष के 140 से अधिक सांसद निलंबित कर दिए गए थे.

 

उस समय विपक्ष और क़ानून के जानकारों ने कहा था कि जो क़ानून देश की न्याय व्यवस्था को बदल कर रख देगा, उस पर संसद में मुकम्मल बहस होनी चाहिए थी.

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