सर्मिष्ठा नाग-कोलकाता अंदर बैठा था बच्चा,कार गंगा में समायी, मुश्किल से बची जान दक्षिण 24 परगना के नरेंद्रपुर के शांति पल्ली से अमित झा अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ उत्तर कोलकाता के भूतनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए आये. उन्होंने निमतला घाट पर अपनी कार खड़ी की और गंगा नदी में नहाने चले गये. परिवार के सदस्य नहाने के बाद उनके साथ आये 11 वर्षीय किशोर आयुष झा को गाड़ी में बिठाकर पानी लाने के लिए दोबारा गंगा में उतरे. इसी बीच, कार में गियर न्यूट्रल होने के कारण अचानक चक्का पीछे की ओर घूमने के कारण कार धीरे-धीरे लुढ़कते हुए गंगा नदी में समाने लगी. उस समय आयुष कार के भीतर ही मौजूद था. बताया जा रहा है कि करीब 7.15 बजे हुई इस घटना में कार को गंगा नदी में समाते हुए देखकर भीतर आतंकित होकर कार के साथ खुद भी डूब जाने के डर से आयुष शोर मचाकर घाट के आसपास खड़े लोगों से मदद मांगने लगा. इसके कारण कुछ पल के लिए वहां अफरातफरी की स्थिति व्याप्त हो गयी. आयुष के पिता अमित के साथ परिवार के सदस्यों ने भी गंगाघाट पर लोगों से मदद की गुहार लगायी. जिसके बाद कार को गंगा नदी के पानी में पूरी तरह से समाने के पहले ही 20 से 25 लोग मौके पर पहुंचे. इसी बीच नीमतला घाट के पास ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी भी पहुंच गये. कार के पूरी तरह से गंगा नदी में समा जाने के पहले ही लोगों ने भारी वस्तु से एक खिड़की का शीशा तोड़कर आयुष को सुरक्षित कार से बाहर निकाल लिया. इससे बच्चे की जान बच गयी. बताया जा रहा है कि इस बीच खबर पाकर कोलकाता पुलिस के रिवर ट्रैफिक पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम भी वहां पहुंच गयी. इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग की टीम एक क्रेन को वहां लाकर क्रेन की मदद से पानी में डूबी हुई कार को बाहर निकाला गया. पुलिसकर्मियों को अमित झा के बयान से पता चला कि वे जल्दबाजी में गाड़ी को न्यूट्रल स्थिति में ही छोड़ दिये थे. हो सकता है कि इसी कारण कार का चक्का पीछे की ओर लुढ़कने लगा. आम लोगों के साथ पुलिस की तत्परता से किशोर को सुरक्षित बचा लेने के कारण बड़ा खतरा टल गया है. इसके बाद आयुष को उसके परिवार के सदस्यों के हवाले कर दिया गया है.
इधर, इस घटना से चिंतित परिवार के सदस्यों के चेहरे पर अपने बच्चे को सुरक्षित पाकर खुशी लौट आयी. पुलिस का कहना है कि कार कैसे गंगा नदी में समा गयी, इसका पता लगाने के लिए कार की यांत्रिक जांच करायी जायेगी. जिससे सटीक कारण का पता चल सके.
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