जौनपुर की पहचान को नयी शान देने में जुटे लोग ।
महर्षि जमदग्नि की तपोस्थली का होगा कायाकल्प भगवान राम से है सीधा सरोकार
जौनपुर।सदर तहसील क्षेत्र अन्तर्गत सिरकोनी ब्लाक में जमैथा गांव में आदि गंगा गोमती के पावन तट पर विराजमान माता रेणुका मन्दिर जिसे महर्षि जमदग्नि की तपोस्थली भी कहा जाता है के जीणोद्धार का वीणा गांव वालों के साथ ही आसपास के इलाकों के लोगों के साथ मिलकर पूर्व ब्लाक प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने उठाया है जिसका साथ सभी लोगों बहुत ही सुन्दर ढंग से दें रहें हैं आइए कुछ मन्दिर के बारे में जानें
संक्षेप में यदि हम आपको बतायें तो जनपद जौनपुर मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर जमैथा गांव में अर्द्ध चंद्रमा के आकार में गोमती नदी के किनारे स्थित अखड़ो माता धाम हैं…इस स्थान का इतिहास भगवान राम व महर्षि यमदग्नि तथा बाबा परशुराम से जुड़ा है। यहीं पर परशुराम जी ने पितृ आज्ञा पर अपनी मां रेणुका का सर काट दिया तथा पुन: जीवित करने का वरदान प्राप्त कर मां के कर्ज से मुक्ति पाया था।
किंवदंती है कि हमारे जनपद का नाम पूर्व में यमदग्निपुरम था। फिर यमनपुरी के बाद जमनपुर और जौनपुर हो गया। जमनपुर से जमैथा गांव का भी नाम पड़ा। इस गांव में गोमती के किनारे परशुराम के पिता यमदग्नि ऋषि की तपोभूमि है। नाराज परशुराम के पिता यमदग्नि ने अपने सभी पुत्रों से बारी-बारी अपनी मां रेणुका का सिर धड़ से अलग कर देने को कहा। जिसमें परशुराम ने पिता की आज्ञा का पालन किया और यहीं पर माता रेणुका का सिर काट दिया। आज्ञा का पालन देख प्रसन्न पिता से मां को पुन: जीवित कर देने का वरदान मांगकर जीवित कर दिया। परशुराम ने अपनी मां के लिए पिता से अखंड का वरदान मांगा। जिससे माता रेणुका को अखंडो देवी कहा जाने लगा। अखड़ो देवी अर्थात अखंडी देवी मां रेणुका हैं। जिनकी पूजा आज भी जमैथा गांव में की जाती है।
इस पावन स्थान पर दो बार भगवान राम आए…पहली बार अपने गुरु वशिष्ठ जी के साथ बचपन में राजा कीर्तिवीर जो यमदग्नि के तप को भंग करता था उसका वध करने और दूसरी बार 14 वर्ष का वनवास जाते समय यमदग्नि से मिलते हुए गए। कहते हैं कि उसी समय गोमती के जिस तट पर स्नान किया था उसका नाम रामघाट पड़ा।
अठारहवीं शताब्दी में महर्षि यमदग्नि की तपोभूमि जमैथा में बाबा परमहंस का आगमन हुआ। यहीं रहकर महर्षि जमदग्नि जी के बैठने वाले स्थान पर दीप प्रज्वलित वह अपनी साधना करते रहे। सन् 1904 में आल्गहन माह में उन्होंने पद्मासन लगाकर अपनी नाभि से अग्नि पुंज प्रज्ज्वलित कर खुद को अग्नि में समाहित कर लिया।।
इलाके के लोगों बड़ी खुशी के साथ मन्दिर के नवीनीकरण या जीर्णोद्धार कहें में तत्परता के साथ लगे हुए हैं जिसमें आशुतोष सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख सिरकोनी की अध्यक्षता में गप्पू सिंह अमरसेन यादव प्रधान जमैथा मुन्ना पाल इन्दु पाल आदि संभ्रांत लोगों है। मन्दिर का कायाकल्प करने में लोगों ने जनता से आवाहन किया कि आगे आइए तथा मन्दिर में कुछ सहयोग प्रदान करें। व्यवहारिक रूप से हम भगवान श्री राम से सीधा सरोकार रखने वाले महर्षि जमदग्नि के तपोस्थली पर आपका कुछ अंश चाहते हैं।